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अटल भूजल योजना के अन्तर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यकम हुआ सम्पन्न

उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों व विभिन्न जनोपयोगी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु लगे लोगों की  क्षमता संवर्धन हेतु लगातार प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा 09 से 10 अक्टूबर, की अवधि में अटल भूजल योजना के अन्तर्गत दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘स्टेट लेवल ट्रेनिग प्रोग्राम आन वाटर सिक्योरिटी प्लान, इम्पैक्ट आन दि कम्युनिटी, क्लाइमेटचेंज एण्ड सस्टेनेबिलिटी एण्ड रोल आफ डी0पी0आई0’’ का आयोजन सम्बन्धित ब्लाक समन्वयक, आई0ई0सी0 एक्सपर्ट, कृषि विशेषज्ञ एवं जिला समन्वयकों हेतु किया गया है। इस प्रशिक्षण अवधि में, सभी प्रशिक्षु प्रतिभागियों की क्षमतासंवर्धन के दृष्टिगत विभिन्न विषयों यथा-अटल भूजल की अवधारणा, संरक्षण, अद्यतन योजना की स्थिति, अपेक्षाएं, पर्यवेक्षण एवं आंकलन, विभिन्न सम्बन्धित विभागों के मध्य अभिसरण एवं समन्वय, परिमार्जित एवं उच्चीकृत मानकों के माध्यम से जल उपयोग दक्षता में वृद्धि करना, मोबाइल ऐप के माध्यम से डाटा अपलोडिंग, अटल भूजल योजना की गतिविधियों के समक्ष अद्यतन चुनौतियां एवं निराकरण, योजना से जुड़े हुए कार्मिकों/कार्यकर्ताओं की भूमिका एवं चुनौतियाँ, ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता सम्बन्धी गतिविधियों का प्रभाव एवं अभिप्रेरक उपकरणों के माध्यम से समुदाय को प्रोत्साहित करना इत्यादि प्रमुख विषयों पर राज्य स्तरीय विषय-विशेषज्ञों एवं प्रबुद्ध शासकीय अधिकारियों द्वारा प्रासंगिक वार्ताएं प्रदान की गयी तथा प्रशिक्षण के दूसरे दिवस के अवसर पर समापन सत्र का आयोजन संस्थान के महानिदेशक, श्री एल0 वेंकटेश्वर लू, (आई0ए0एस0 )की अध्यक्षता में किया गया।


कार्यक्रम में निदेशक, राज्य भूगर्भ जल विभाग डा0 राजेश कुमार प्रजापति, सम्प्रति परियोजना निदेशक, अटल भूजल योजना, उ0प्र0, डा0 हीरालाल, विशेष सचिव, उ0प्र0, शासन, अनुपम श्रीवास्तव, अधिशासी अभियन्ता, भूगर्भ जल विभाग, उ0प्र0 तथा पूर्णिमा सिंह, उप निदेशक, उ0प्र0 प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी, लखनऊ की गरिमामयी उपस्थिति रही।
संस्थान के महानिदेशक एल0 वेंकटेश्वर लू0 ने कहा कि भूगर्भ जल गिरावट की समस्या को दूर करने के लिए सतत् भूजल प्रबन्धन अपनाने की आवश्यकता है।उन्होंने मिशन कर्मयोगी को आधार मानकर, अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से, प्रदत्त कार्याे के निष्पादनार्थ, निष्ठा, लगन, ईमानदारी तथा समर्पण की भावना पर, वेद वेदांत, ऋषि मुनियों की अवधारणा के परिप्रेक्ष्य में विस्तृत रूप से उपयोगी व्याख्यान दिया।
 निदेशक, भूगर्भ जल, उ0प्र0, डा0 प्रजापति ने उपस्थित प्रतिभागी अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भूगर्भ जल गिरावट की समस्या को दूर करने हेतु भारत सरकार एवं विश्व बैंक के सहयोग से अटल भूजल योजना प्रारम्भ की गयी थी वर्तमान में योजना का 5वां वर्ष चल रहा है।
राज्य परियोजना समन्वयक अधिशासी अभियन्ता, भूगर्भ जल अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत ग्रामवार सर्वे द्वारा जल के स्रोतों, भूजल स्तर के गिरावट के कारणों को चिन्हित कर संस्थागत संस्थानों का सशक्तीकरण एवं क्षमता विकास द्वारा सतत भूजल प्रबन्धन हेतु ‘‘जल सुरक्षा नियोजन’’(वाटर सिक्योरिटी प्लान) की तैयारी के साथ सम उद्देशीय योजनाओं के साथ अभिसरण व जन सहभागिता के सहयोग से भूजल स्तर बढ़ाने की प्रक्रियाओं से पड़ने वाले प्रभाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि डा0 हीरालाल जी ने प्रशिक्षु प्रतिभागियों को बताया कि विभिन्न संस्थाओं व शासकीय विभागों द्वारा अनेकों योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जो, जल की उपलब्धता से सम्बन्धित हैं। हम सभी का दायित्व  है कि भूगर्भ जल संरक्षण के सापेक्ष वर्षा जल संचयन तथा दैनिक उपभोग में जल प्रयोग करने में मितव्ययता एवं कृषि प्रक्षेत्र के कार्याे में अधिकतर उन फसलों को प्रमुखता प्रदान की जाय, जिन फसलों को न्यूनतम जल की आवश्यकता हो।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के अपर निदेशक, बी0डी0 चौधरी के मार्ग निर्देशन में किया गया तथा उनके द्वारा समापन सत्र के अवसर पर सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबन्धन के दृष्टिगत कार्यक्रम प्रभारी डा0 अशोक कुमार, सहायक निदेशक का विशेष योगदान होने के साथ मंच संचालन भी इनके द्वारा किया गया तथा उनके सहयोगी के रूप में प्रतिमेश कुमार, शोध सहयुक्त, धर्मेन्द्र कुमार, संकाय सदस्य, यू0पी0 सिंह, आई0ई0सी0 एक्सपर्ट तथा यशवीर सिंह, विषय- विशेषज्ञ का सराहनीय योगदान रहा।

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