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किसानों को नहीं आने दी फसल बेचने में परेशानी – दुष्यंत चौटाला

हरियाणा कांग्रेस के प्रमुख नेता हार के डर से नहीं लड़ रहे लोकसभा चुनाव – दुष्यंत चौटाला

उचाना/चंडीगढ़, 4 अप्रैल। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चुनाव लड़ने से डर रहा है क्योंकि जिस तरह के बयान कांग्रेस नेताओं के आ रहे हैं, उनके मन में अगर डर है तो सिर्फ जननायक जनता पार्टी का है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस को खुद पर विश्वास नहीं है और आने वाले चुनाव दर्शा देंगे कि कांग्रेस की क्या हालात हैं।

उचाना हलके के सुदकैन कलां गांव में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरसों की खरीद में पोर्टल सिस्टम से हो रही किसानों को परेशानी पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि
4 साल हमारा यही प्रयास रहा कि फसलों को किस प्रकार अच्छे से खरीदा जाए। हम सत्ता का हिस्से थे तो किसानों को किसी तरह की परेशानी फसल बेचने में नहीं आने दी गई। पिछले 15 दिनों में सरकार में जो फैसले हुए हैं उनके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है कि सरकार सरसों खरीद में विफल हो रही है। जेजेपी किसान प्रकोष्ठ मंडियों में जाकर निरीक्षण करेगी जो किसानों को परेशानी आ रही है और उनकी आवाज उठाने का काम करेंगे।

बीजेपी के 400 पार के नारे पर पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि इंदिरा गांधी 1977 में एक नारा लेकर आई थी ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा’ और उन्हीं को लोगों ने हरा दिया। जहां तक 400 सीट जीतने की बात है मुझे नहीं लगता कि एनडीए 200 या 225 पार पाएगा। जेजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने पर चौटाला ने कहा नवरात्रों में जेजेपी की पीएसी की मीटिंग करके सभी उम्मीदवारों लिस्ट फाइनल कर दी जाएगी।

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है संसद में हरियाणा की आवाज पहुंचाना। मैं एक बात मानता हूं कि गूंगे बहरे सांसदों से अच्छा है कि संसद में प्रदेश की आवाज उठाने और प्रदेश के लिए लड़ने वाले लोग जाएं, जो प्रदेश के हितों के लिए काम करके प्रदेश को आगे लेकर जाएं ।

हिसार लोकसभा सीट पर एक ही परिवार के तीन उम्मीदवार चुनाव लड़ने की संभावना पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बठिंडा, महाराष्ट्र में ऐसा हुआ है जब एक परिवार के कई लोगों ने अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ा है। कोई भी राजनीति पार्टी हमेशा राजनीतिक आईडियोलॉजी से जुड़े उम्मीदवारों को मैदान में उतारती है, फिर चाहे वह एक परिवार से हो या फिर अलग-अलग परिवार से हो। जनता को चुनना है कौन बेहतर है कौन उनकी आवाज बन सकता है।

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