Uttar Pradesh

Mathura News: मिठाइयों में मिलावट है या नहीं, घर पर ही करें जांच, बिना लैब जाए ऐसे परखें शुद्धता

मथुरा, आजकल मिठाइयों में मिलावट की आशंका के चलते ड्राई फ्रूट की बिक्री बढ़ गई है। हालांकि, घर में मिठाई तो आती ही हैं और लोग परहेज करते-करते खाते हैं। आज हम जानेंगे की मिठाइयों में मिलावट कैसे होती है। घर पर ही हम इसकी जांच कैसे कर सकते हैं। मिलावट सीधे तौर पर मिठाई में नहीं, बल्कि जिस चीज में मिठाई बनती है, उसमें की जाती है, जैसे दूध, शहद, दालें, मेवे, चीनी सहित अन्य सामग्री में मिलावट की जाती है।

मिलावटी मिठाई का पता ऐसे करें

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिव प्रताप तिवारी ने बताया कि मिठाई हाथ में लेने पर अगर हाथ में रंग लग जाता है, तो मिठाई में रंग मिलाया गया है। मिठाई में रंग लाने के लिए सबसे ज्यादा मेटानिल येलो और टारट्राजाइन मिलाया जाता है। इससे किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। मेवे में मिलावट की पहचान के लिए फिल्टर पर आयोडीन की दो बूंद डालें। इसका काला पड़ना बताता है कि इसमें मिलावट है। खोया दानेदार हो तो भी मिलावटी हो सकती है।

वर्क में मिलावट का लगाएं पता

मिठाई पर लगे वर्क में मिलावटी होने का पता उसे जलाकर कर सकते हैं। वर्क असली होगा, तो जलने पर छोटी गोलीनुमा आकृति में बन जाएगा और नकली होने पर स्लेटी रंग का जला हुआ कागज दिखेगा। मिठाई चखकर भी उसके बासी होने या फिर गुणवत्ता का अंदाजा लगा सकते हैं। नकली केसर पानी में डालने के बाद रंग छोड़ने लगता है और असली केसर को पानी में घंटों रख देने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

मिठाई बनाने वाले सामान में मिलावट की जांच ऐसे करें

मावा में स्टार्च जांचने के लिए थोड़ा मावा अलग से लें, फिर उसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर इस मिश्रण को उबालें। इसके बाद आयोडीन की कुछ बूंदें डालें। यदि नीले रंग की परत दिखे तो साफ है कि उसमें स्टार्च मौजूद है। शहद में चीनी और पानी मिलाया जाता है। इसे जांचने के लिए रूई के फाहे को शहद में भिगोकर उसे जलाएं। शहद में चीनी और पानी मिला होगा तो रूई नहीं जलेगी। शुद्ध शहद चटक की आवाज के साथ जल उठेगा।

ये मिलाया जाता है

  • वर्क में एल्युमिनियम
  • दूध में पानी, यूरिया, रंग, वॉिशंग पाउडर
  • घी में चर्बी
  • मेवे में अरारोट, मैदा और चीनी
  • दालों में टेलकम और एस्बेस्टस

मिलावटी मिठाइयों से जितना संभव हो दूरी बनानी चाहिए। मिठाई खरीदते समय ग्राहक को मिलावट की जानकारी नहीं होती। वहीं त्योहार पर भीड़ का फायदा उठाकर मिलावटखोर इन मिठाइयों को बेचते हैं। कविता भाटिया, भरतपुर गेट, मथुरा

नमक में आयोडीन की मात्रा होती है। यदि मावा को पानी में उबाल कर उसमें आयोडीन डालने पर उसका रंग नीला होता है, तो मिलावट सिद्ध होती है। ऐसे में दुकानदार के खिलाफ शिकायत भी की जा सकती है। इंदु गौड़, बरसाना

विभाग की निष्क्रियता के चलते मिलावटखोर सक्रिय हो रहे हैं। त्योहारी को देखते हुए विभाग को भी अपनी छापेमार कार्रवाई में तेजी लानी चाहिए। इससे मिलावटखोरों में भय बना रहेगा। ममला सारस्वत, नगला तेजा, महावन मिलावटखोर खुले में कभी मिलावट का काम नहीं करते। इसलिए उन्हें ढूंढना कई बार कठिन होता है। हालांकि, त्योहार को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने अपने अभियान को तेज किया है। शिव प्रताप तिवारी, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी

मिलावटी मिठाइयों के सेवन से पेट दर्द, एलर्जी, उल्टी, दस्त, लीवर और किडनी जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती है। ऐसे में खासकर त्योहारी सीजन में जांच परख कर ही मिठाइयां खरीदनी चाहिए। संभव हो सके तो बताए गए घरेलू तरीके से मिलावट की जांच कर मिठाई का सेवन करना चाहिए। डा गौरव भारद्वाज, फिजीशियन

किसी भी प्रकार के कवरेज के लिए संपर्क AdeventMedia: 9336666601

अन्य खबरों के लिए हमसे फेसबुक पर जुड़ें।

आप हमें ट्विटर पर फ़ॉलो कर सकते हैं.

हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Related Articles

Back to top button
Event Services