Uttarakhand

उत्‍तराखंड में सामने आए कोरोना

उत्तराखंड में कोरोना के 60 नए मामले आए हैं। अच्छी बात ये है कि सात जनपदों में एक भी नया मामला नहीं मिला है। वहीं सैंपल पॉजिटिविटी रेट 0.66 फीसद रहा है। इधर, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में कोरोना संक्रमित 58 वर्षीय मरीज की मौत हुई है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सोमवार को अलग-अलग लैब से 9017 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, इनमें 8957 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक 35 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। इसके अलावा हरिद्वार में दस, नैनीताल में सात, ऊधमसिंह नगर में चार, टिहरी व पौड़ी में दो-दो व्यक्ति संक्रमित मिले हैं। जबकि सात जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी में कोरोना संक्रमण का नया मामला नहीं मिला है। इधर, विभिन्न जिलों में 86 मरीज ठीक भी हुए हैं।

अब तक प्रदेश में 97 हजार, 866 लोग संक्रमित हुए हैं। जिनमें 94168 स्वस्थ्य हो चुके हैं। फिलवक्त 581 एक्टिव केस हैं। 1413 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं। कोरोना संक्रमित 1704 मरीजों की मौत भी राज्य में हो चुकी है।

कोरोना संक्रमण से बचाव लिए राज्य में टीकाकरण अभियान तेज होता जा रहा है। सोमवार को भी 357 केंद्रों में 30 हजार से अधिक व्यक्तियों को टीका लगाया गया। इनमें साठ साल से अधिक उम्र के सबसे अधिक 21860 लोग शामिल रहे। जबकि 45 से 59 साल उम्र के 1261 व्यक्तियों को वैक्सीन लगी। इसके अलावा 1480 स्वास्थ्य कर्मी व 5480 फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीका लगाया गया। प्रदेश में अब तक 95093 व्यक्तियों का पूर्ण टीकाकरण (वैक्सीन की दोनों डोज) हो चुका है। साठ साल से अधिक उम्र के एक लाख 11 हजार, 335 व्यक्तियों को भी वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।

कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने दून मेडिकल कालेज अस्पताल में वैक्सीन लगवाई। उन्होंने आम जन से भी वैक्सीन लगवाने की अपील की। चुफाल ने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसे लेकर किसी भी तरह का भ्रम मन में न रखें। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह एक अहम हथियार है और ‘सुरक्षा चक्र’ मजबूत करने के लिए हर किसी को वैक्सीन लगवानी चाहिए।

सेंटजॉर्ज कॉलेज के प्रिंसिपल ब्रदर एस जोजफ का कहना है कि उनका कॉलेज कोविड-19 से पूरी तरह से सुरक्षित है और सभी छात्र सुरक्षित और स्वस्थ्य हैं। उन्होंने कहा कि अभी कॉलेज में सिर्फ कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों की ही कक्षाएं चल रही हैं, क्योंकि उन्हें बोर्ड परीक्षाएं देनी हैं। कॉलेज खुलने पर बाहर से आने वाले सभी छात्रों को एक सप्ताह के लिए सेल्फ आइसोलेट किया गया था और बाद में सभी के कोविड टेस्ट करवाए गए। जिसमें 12 छात्र संक्रमित पाए गए। हालांकि ये सभी ए-सिम्टोमैटिक हैं।

बालरेगंज स्थित कॉलेज में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रिंसिपल ब्रदर एस जोजफ ने कहा कि जो छात्र संक्रमित पाए गए, उनकी रिपोर्ट अब निगेटिव आ गई है। एहतियातन उन्हें कॉलेज के अस्पताल में 14 दिनों के लिए आइसोलेट किया गया है। वर्तमान में सभी 24 घंटे चिकित्सकीय टीम की देखरेख में हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर कॉलेज को लेकर गलत प्रचार किया गया। जिसमें बताया गया कि कॉलेज को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह सूचना निराधार है। कॉलेज के अस्पताल को छोड़कर अन्य किसी भी परिसर में कंटेनमेंट जोन नहीं है। कक्षाएं सामान्य रूप से चल रही हैं।

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