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बंद पड़ी दुग्ध समितियों को पुनः संचालित किया जाए

उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बंद पड़ी दुग्ध समितियों को पुनः चालू किया जाए और वर्तमान में संचालित समितियां किसी भी कारण से बंद न होने पाये। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए जिन 1000 समितियों के गठन एवं पुनर्गठन का लक्ष्य निर्धारण किया गया है, उसे कारगर कार्ययोजना बनाकर शीघ्र पूरा किया जाए। श्री सिंह ने कहा कि पराग के उत्पादों की मार्केटिंग कर विशेष ध्यान दिया जाए। पशुपालकों एवं किसानों को जागरूक कर प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें दुग्ध उत्पादन मंे तकनीक व नई जानकारियों से साझा कराने का कार्य किया जाए, ताकि प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो सके और किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके।
दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विगत 06 माह में विभिन्न योजनाओं में आवंटित बजट व उसके उपभोग के संबंध में गत् सप्ताह सम्पन्न बैठक में उठाये गये बिन्दुओं पर कृत कार्यवाही की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शेष बजट जारी करें और जारी बजट में एक-एक रूपये का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए। जिस मद का पैसा हो उसी मद हेतु व्यय किया जाए। श्री सिंह ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाये जाने, एनडीडीबी को दिये गये संस्थानों एवं समितियों के संचालन की गहन समीक्षा की।
दुग्ध विकास मंत्री ने पीसीडीएफ के डेयरी प्लांट का संचालन एनडीडीबी को दिये जाने के संबंध में निर्देशित करते हुए कहा कि कानपुर, गोरखपुर, कन्नौज के डेयरी प्लांट के संचालन की कार्यवाही जल्द पूरी की जाए। दुग्ध विकास मंत्री ने कहा कि किसानों एवं पशुपालकों का हित राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और इन कार्यों के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता न बरती जाए। श्री सिंह ने निर्देश दिये कि किसानों एवं पशुपालकांे को उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान निर्धारित समयावधि में किया जाए और किसी भी दशा में विलम्ब न होने पाये। श्री सिंह ने कहा कि शेष दुग्ध संघों को वर्तमान और बकाया भुगतान यथाशीघ्र किया जाए।
बैठक में बताया गया कि माह सितम्बर, 2024 से 4171.86 लाख रूपये का भुगतान दुग्ध संघों को किया गया है। दुग्ध संघ गोण्डा, कानपुर, मथुरा, वाराणसी, झांसी, फिरोजाबाद, अयोध्या द्वारा माह सितम्बर, 2024 का भुगतान पूर्ण कर दिया गया है। अवगत कराया गया कि वर्तमान में 18108 निबंधित समितियां हैं, जिसके सापेक्ष 7094 कार्यरत समितियां हैं। प्रत्येक दुग्ध संघ द्वारा 02 दुग्ध समितियों का भ्रमण एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। गत् एक माह में 714 कार्यरत एवं 428 अकार्यरत दुग्ध समितियां कुल 1142 दुग्ध समितियों में भ्रमण किया गया।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री के0 रवीन्द्र नायक ने मंत्री जी को आश्वस्त करते हुए कहा कि बंद पड़ी दुग्ध समितियों को पुनः क्रियाशील किया जायेगा और संचालित समितियों को सुदृढ़ करने हेतु विभागीय अधिकारियों द्वारा हर संभव कार्य किया जायेगा। किसानांे एवं पशुपालकों को दुग्ध मूल्य का भुगतान में कोई विलम्ब नहीं किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन दुग्ध संघों द्वारा अभी भी दुग्ध मूल्य भुगतान में उदासीनता बरती जा रही है उनके द्वारा भुगतान कार्य गंभीरता से किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को समितियों की संख्या बढ़ाये जाने के संबंध में तत्परता से कार्य किये जाने के निर्देश दिये।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव श्री राम सहाय यादव, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री आनंद कुमार सिंह, दुग्ध आयुक्त श्री राकेश कुमार मिश्रा, पीसीडीएफ के डा0 मनोज तिवारी, श्रीमती नयन तारा सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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