Uttarakhand

पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सभी शहरों में ड्रेनेज और सीवर सिस्टम तैयार करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सभी शहरों में ड्रेनेज और सीवर सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरों को श्रेणीवार चिह्नित करते हुए चरणबद्ध तरीके से उनके लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। सीएम ने सचिवालय में गुरुवार को जोशीमठ में जारी राहत-बचाव और सर्वेक्षण कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ में भू-धसांव के कारणों को लेकर सभी संस्थानों एवं वैज्ञानिकों की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। उनके आते ही जोशीमठ के लिए आगे की योजना पर तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि जोशीमठ के भूधंसाव क्षेत्र के अध्ययन की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद वहां ट्रीटमेंट के कार्य तेजी से शुरू करे जाएं।

विस्थापित होने वालों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं करेंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि भू-धंसाव के प्रति संवेदनशील क्षेत्र के लोगों के विस्थापन के लिए स्थानीय लोगों से सुझाव लिए जाएं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि जिन भी लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनके लिए सरकार की ओर से बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की जाएंगी।

चमोली के डीएम को स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर जल्द से जल्द शासन को रिपेार्ट देने के लिए कहा गया है। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, एसीएस राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर.मीनाक्षीसुंदरम, अपर सचिव सविन बंसल, आनन्द श्रीवास्तव, अनुसचिव मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद रहे।

सचिव-आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र के 259 परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया है। अब तक कुल 867 लोग विभिन्न कैंपों में रह रहे हैं। उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

हर जिले की होगी प्रभावी टाउन प्लानिंग: धामी ने शहरी विकास विभाग को राज्य के हर शहर के लिए नए सिरे से प्रभावी टाउन प्लानिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह वक्त की आवश्यकता है। लोगों केा बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए। शहरों को इस प्रकार विकसित किया जाए, जिससे लोगों को किसी भी स्तर पर समस्या न हो। मुख्यमंत्री पहले ही राज्य के पर्वतीय जिलों के सभी शहरों की धारण क्षमता के सर्वेक्षण के भी निर्देश दे चुके हैं।

जोशीमठ के लिए नहीं होने देंगे धन की कमी
सीएम ने साफ-साफ कहा कि जोशीमठ में आपदा प्रबंधन एवं राहत बचाव कार्यों को पूरी मुस्तैदी के साथ किया जाएगा। जितना बेहतर से बेहतर हो सकता है, वह उपाय किया जाए। जोशीमठ में आपदा प्रबंधन कार्यों के लिए धन की कमी किसी स्तर पर नहीं आने दी जाएगी। आठ शीर्ष संस्थान वहां परीक्षण कर रहे हैं। नई जगह की तलाश की जा रही है। किन कारणों से यह स्थिति पैदा हुई है, उसका अध्ययन किया जा रहा है। विस्थापन के लिए नई जगह की तलाश की जा रही है।

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