अनसुलझे रहस्यों के लिए जाने जाते हैं भारत के ये प्राचीन शिव मंदिर
भारत को मंदिरों के लिए जाना जाता है जहां देशभर के मंदिरों को देखने विदेश से भी लोग आते हैं। भारत के कई मंदिर हैं जो अपने रहस्यों और चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में कई शिव मंदिर भी हैं जिनके दर्शन करने के लिए भक्तगण पहुंचते हैं। महादेव की महिला के चलते उनके प्रति भक्तों की आस्था जुड़ी हुई हैं। आज इस कड़ी में हम आपको भारत के रहस्यमयी शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके अनसुलझे रहस्य आज भी सभी को हैरान कर रहे हैं। इन मंदिरों की भव्यता देखते ही बनती हैं। तो आइये जानते हैं देश के इन रहस्यमयी शिव मंदिरों के बारे में…
उड़ीसा के टिटलागढ़ में शिव मंदिर
अगर आप टिटलागढ़ गए हो तो आपको ये बात जरूर पता होगी कि यहां सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। इस जगह पर ही एक कुम्हड़ा पहाड़ है, जिसपर शिव मंदिर स्थापित है। यहाँ की चट्टानों में इतनी गर्मी होती है कि लोग यहां पसीने से तर हो जाते हैं। लेकिन मंदिर पर गर्मी का कोई असर नहीं है, यहां आपको इतनी ठंड देखने को मिलेगी कि लोग कांपने लगते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि इतनी गर्मी के बीच स्थित मंदिर के आसपास इतना ठंडा कैसे रह सकता है? वैसे ये वातावरण बाद मंदिर में ही देखने को मिलता है बाहर आते ही वही गर्मी आपको फिर से घेर लेती है।
कैलाश मंदिर, महाराष्ट्र
यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है। कैलाश मंदिर सबसे बड़ा रॉक-कट हिंदू मंदिर है जिसे 16 वीं शताब्दी में औरंगाबाद के एलोरा गुफाओं में बनाया गया था। अगर पौराणिक कथाओं में आपकी रुचि है, तो यह जगह आपके लिए बेस्ट है। कैलासा गुफा मंदिर की संरचना एक ही चट्टान पर बनी है और दिलचस्प रूप से इसमें रामायण का अनुवाद उकेरा गया है। पुरातत्वविदों के अनुसार, अर्थ जानने के लिए 30 मिलियन संस्कृत नक्काशियों को अभी तक डिकोड नहीं किया गया है।
गढ़मुक्तेश्वर का गंगा मंदिर
गढ़मुक्तेश्वर में मौजूद बेहद पुराना गंगा मंदिर का रहस्य आज तक कोई नहीं समझ पाया है। मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर हर साल एक अंकुर निकलता है, जिसके फूटने पर भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं की आकृति निकलती है। वैसे इस चीज पर काफी रिसर्च की गई है, लेकिन शिवलिंग पर निकलते अंकुर के रहस्य के बारे में किसी को पता नहीं चल पाया है। एक और चीज जो लोगों को आश्चर्य में डाल देती है, वो ये है कि मंदिर की सीढ़ियों पर अगर कोई पत्थर फेंकता है, तो पानी में पत्थर मरने जैसी आवाज सुनाई देती है। सुनकर आप भी हमारी तरह थोड़ा सोच में पड़ गए होंगे, लेकिन ये सच है।
वाराणसी का काल भैरव नाथ मंदिर
यह मंदिर भगवान शिव के अवतार काल भैरव को समर्पित है। सुनकर आपको भी हैरानी होगी, लेकिन इस मंदिर में देवता को शराब चढ़ाई जाती है और यह यहां भगवान को दिया जाने वाला एकमात्र प्रसाद माना जाता है। यहां, आप मंदिर के ठीक बाहर भारी मात्रा में शराब देख सकते हैं। एक और दिलचस्प बात सुनकर आपको शायद हैरानी हो, वो यह है कि पंडित शराब को देवता के मुंह में डालते हैं और फिर वे खाली बोतल भक्तों को प्रसाद के रूप में देते हैं।
ऐरावतेश्वर मंदिर, तमिलनाडु
तमिलनाडु में 12 शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा ऐरावतेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया था। इस मंदिर की दिलचस्प कर देने वाली बात ये है कि यहां सीढ़ियों पर संगीत गूंजता है, हैरान रह गए न? आपको बता दें, इस मंदिर को बेहद खास तरीके से बनाया गया है, और मंदिर की सबसे अनोखी चीज है यहां की सीढ़ियां।जिनपर पैर रखने से संगीत की अलग-अलग ध्वनि सुनने को मिलती है। इस संगीत के पीछे क्या रहस्य है, ये अभी तक कोई नहीं जान पाया है।
लिंगराज मंदिर, ओडिशा
यह भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर है जिसमें भगवान शिव को समर्पित 54 मीटर का मंदिर है। इसे 1090 से 1104 ई। के बीच बनाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि इसके पूरा होने तक भगवान शिव और भगवान विष्णु मौजूद थी। कई रिपोर्टों और मान्यताओं के अनुसार, गर्भ गृह के अंदर, लिंगम स्वयं उत्पन्न होता है और इसलिए इसे स्वयंभू कहा जाता है।
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