Uttar Pradesh

अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर बिजली व्यवस्था को लेकर साधा निशाना ,कहा-अब जली सरकार के दिमाग की बत्ती 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से बिजली विभाग में सुधार को लेकर दिए गए आदेश पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि पांच साल सरकार चलाने के बाद अब सरकार के दिमाग की बत्ती जली है। उन्होंने निजीकरण का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि भ्रष्टाचार से सांठगांठ के अंत से ही सुधार संभव है।

सपा चीफ अखिलेश यादव ने बुधवार सुबह ट्वीट कर कहा कि ‘उत्तर प्रदेश में पांच साल सरकार चलाने के बाद अब सरकार के दिमाग की बत्ती जली कि बिजली विभाग में ‘व्यापक सुधार’ की जरूरत है। बिजली विभाग के निजीकरण पर उतारू सरकार ये बताए कि जब उनके हाथ में नियंत्रण ही नहीं होगा तो सुधार लागू कैसे होंगे। भ्रष्टाचार से सांठगांठ का अंत ही हर सुधार का मूल है।’

दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों प्रदेशभर में रोस्टर के मुताबिक निर्बाध बिजली का आदेश देते हुए बिजली विभाग में व्यापाक सुधार करने को कहा था। उनका स्पष्ट तौर पर मानना है कि ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की व्यापक आवश्यकता है। उन्होंने ऊर्जा मंत्री से विभागीय कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा कर हर स्तर पर व्यापक बदलाव करने के लिए कहा है। निर्देश दिया कि भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाई जाए।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भीषण गर्मी में प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल के मुताबिक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। योगी ने बिलिंग व्यवस्था सुधारने के साथ ही बिजली के बकाए की वसूली के लिए एक मुश्त समाधान योजना लागू करने को भी कहा है। उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने डिस्काम के घाटे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार करने की जरूरत है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से कहा कि सुधार के लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जाए। डिस्काम को घाटे से उबारने के साथ ही प्रदेशवासियों को न्यूनतम दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में शेड्यूल के मुताबिक निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए हर संभव इंतजाम किए जाएं। केंद्र सरकार हमें पूरी मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि तापीय परियोजनाओं में पर्याप्त कोयले के लिए खदानों से परियोजना तक कोयले की ढुलाई रेल के साथ-साथ सड़क मार्ग से भी कराई जाए।

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