Sports

शुभमन गिल की चमक से भारत को मिली अब तक की सबसे बड़ी जीत

शुभमन गिल की चमक ने न्यूज़ीलैंड को तीसरे और आख़िरी टी-20 मैच में एकदम से धोकर रख दिया. भारत ने इस प्रारूप में अब तक की सबसे बड़ी 168 रन से जीत पाकर सिरीज़ पर भी क़ब्ज़ा जमा लिया.

शुभमन गिल के बल्ले से जिस सहज अंदाज़ में चौके और छक्के निकल रहे थे, उससे लग ही नहीं रहा था कि वह पहले दो मैचों में खेलने वाले बल्लेबाज़ हैं. शुभमन ने अपनी इस पारी के दौरान किसी कीवी गेंदबाज़ को नहीं बख्शा.

इस पारी के दौरान उन्हें एक-दो जीवनदान भी मिले. कहा जाता है कि किस्मत भी दिलेरों का ही साथ देती है और यह कहावत यहां सही चरितार्थ हो रही थी.

शुभमन गिल

शुभमन ने विराट कोहली को पीछे छोड़ा

शुभमन गिल ने 200 की स्ट्राइक रेट से खेल कर 63 गेंदों में नाबाद 126 रन बनाए. इसमें उन्होंने सात छक्के और 12 चौके लगाए. इस तरह वह विराट कोहली को पीछे छोड़ कर भारत के लिए इस प्रारूप में एक पारी में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बन गए हैं.

विराट ने पिछले साल अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ 122 रन की पारी खेलकर रिकॉर्ड बनाया था जिसे अब शुभमन ने अपने नाम कर लिया है.

इस पारी से पहले शुभमन के बारे में यह कहा जाने लगा था कि वनडे वाली सफलता को टी-20 में प्रदर्शित नहीं कर पा रहे हैं.

असल में इस सिरीज़ के रांची और लखनऊ में खेले गए पहले दो मैचों में वह रन तो बना ही नहीं सके और जिस तरह से आउट हुए, उस पर यह कहा जाने लगा था कि वह टर्निंग विकेट पर ढंग से खेल नहीं पा रहे हैं.

वनडे सिरीज़ में दोहरा शतक जमाने से शुभमन से सभी की उम्मीदें बढ़ गई थीं. इसके बाद टी-20 के पहले दो मैचों में रन नहीं बना पाने से दवाब में आ गए थे. उन्होंने अपनी इस धाकड़ पारी से यह जता दिया है कि वह तीनों प्रारूप वाले खिलाड़ी हैं.

ईशान किशन के पहले दो मैचों की तरह इस मुकाबले में भी सस्ते में निकल जाने से बने दवाब को शुभमन ने अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया.

कप्तान हार्दिक में आया निखार

हार्दिक पांड्या वैसे तो उपयोगी क्रिकेटर रहे हैं पर कप्तानी मिलने के बाद से उनके खेल में और निखार आ गया है.

न्यूज़ीलैंड जब 235 रन के विशाल लक्ष्य को पाने के लिए उतरी तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती विकेट पर टिकने की थी. लेकिन हार्दिक पांड्या की घातक गेंदबाज़ी ने उनके पांव कभी टिकने ही नहीं दिए. जिस विकेट पर न्यूज़ीलैंड की गेंदबाज़ी के समय लग रहा था कि विकेट बल्लेबाज़ों के अनुकूल है, उसी विकेट को हार्दिक ने गेंदबाज़ों का विकेट बना दिया.

हार्दिक ने अपने पहले ओवर में ही फ़िन एलन को कैच कराकर अपना अभियान शुरू किया. इसके बाद ग्लेन फ़िलिप्स, लॉकी फ़र्ग्यूसन और ब्लेयर टिकनर के विकेट निकालकर कीवी पारी की कमर तोड़कर रख दी. हार्दिक ने चार ओवरों में 16 रन देकर चार विकेट निकाले.

हार्दिक ने ख़ुद ही अच्छी गेंदबाज़ी नहीं की बल्कि अपने बाकी गेंदबाज़ों को भी अपना बेस्ट देने के लिए प्रेरित किया. अर्शदीप ,उमरान मलिक और शिवम मावी ने दो-दो विकेट निकालकर न्यूज़ीलैंड की पारी मात्र 66 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभाई.

इससे पहले हार्दिक ने बल्लेबाज़ी में कप्तानी के दायित्व को अच्छी तरह निभाया. सूर्यकुमार यादव के जल्दी आउट हो जाने पर भारतीय पारी ठहर भी सकती थी. पर हार्दिक ने गिल को अच्छा सहयोग देकर पारी को रफ़्तार से आगे बढ़ाए रखा.

उन्होंने शुभमन के साथ चौथे विकेट की साझीदारी में 40 गेंदों में 100 रन बनाकर मैच को न्यूज़ीलैंड की पकड़ से दूर किया. हार्दिक ने 17 गेंदों में चार चौकों और एक छक्के से 30 रनों का योगदान किया.

राहुल भी हो रहे हैं टीम में फ़िट

राहुल त्रिपाठी पहले दो मैचों में ऐसी पारी नहीं खेल सके थे जिससे यह लगता कि वह इस टीम के लिए फ़िट खिलाड़ी हैं.

वह घरेलू क्रिकेट में और आईपीएल में काफ़ी समय तक शानदार प्रदर्शन करने के बाद टीम में आए थे. पर पहले दो मैचों के प्रदर्शन से लगा कि वह शायद मिले मौकों का फ़ायदा उठाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.

इस मैच की शुरुआत में भी जब उनके शॉट सही टाइम नहीं पाए तो लगा कि शायद आगे मौका मिलने वाला नहीं है.

राहुल त्रिपाठी को टीम में जिस भूमिका के लिए चुना गया है, उसे उन्होंने नहीं छोड़ा और अपने स्वाभाविक खेल को खेलना जारी रखा और आख़िर में वह अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे.

उन्होंने 200 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करके 22 गेंदों में चार चौकों और तीन छक्कों से 44 रन बनाए. उन्होंने गिल के साथ दूसरे विकेट की साझीदारी में 40 गेंदों में 80 रन जोड़कर भारतीय दबदबा बनाने में सहयोग किया.

भुलाए नहीं भूलेंगे सूर्या के कैच

सूर्यकुमार यादव बल्ले से भले ही बड़ा योगदान नहीं कर सके. पर उनके तीन शानदार कैचों ने न्यूज़ीलैंड की कमर तोड़ने में ख़ासी भूमिका निभाई. उन्होंने फ़िल एलन और ग्लेन फ़िलिप्स के स्लिप में जिस तरह से कैच पकड़े, उन्हें सालों-साल याद रखा जाएगा.

ऐसा लग रहा था कि मानो उनके हाथों में चुम्बक लगी है जो गेंद को हाथ से निकलने ही नहीं दे रही है.

उन्होंने दोनों ही कैचों को एक ही अंदाज़ में पकड़ा. उन्होंने स्लिप में तेज़ी से निकलते इन दोनों कैचों को हवा में पूरी छलांग लगाकर पकड़ा. इस तरह के कैच पकड़ने के लिए सही समय पर छलांग लगाकर गेंद पर हाथ पहुंचाना बेहद ज़रूरी होता है.

सूर्यकुमार यादव ने इसके बाद एक और उम्दा कैच पकड़कर कप्तान सेंटनर के पारी को ढर्रे पर लाने के प्रयास को धता बता दिया. सेंटनर ने मावी पर छक्का लगाकर दवाब से निकलने का प्रयास किया.

पर बाउंड्री पर खड़े सूर्यकुमार यादव ने सिक्स के लिए बाहर जाती गेंद को हवा में उछलकर पकड़ा और एक पैर पर जमीन पर आने के बाद रोप्स को नहीं छूने से बचने के लिए तीन बार एक पैर पर उछलकर अपना संतुलन बनाया.

ईशान किशन

ईशान किशन से रूठी रही सफलता

ईशान किशन बांग्लादेश दौरे पर दोहरा शतक लगाने के बाद से अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करने में एकदम से असफल रहे हैं. वह पहले दो मैचों की तरह इस मैच में भी रन बनाने में असफल रहे.

पर वह ओपनर के साथ विकेटकीपर की भी भूमिका निभाने की वजह से ही तीसरे मैच में भी अंतिम एकादश में बने रहे.

पहले दो मैचों में रन नहीं बना पाने पर टीम प्रबंधन चाहता तो पृथ्वी शॉ को गिल के साथ पारी की शुरुआत करने के लिए उतार सकता था. पर इस स्थिति में ईशान को पीछे ले जाने पर एक गेंदबाज़ कम करना पड़ता. शायद टीम संतुलन की वजह से ही पृथ्वी इस मैच में नहीं खेल सके.

Related Articles

Back to top button
Event Services