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ब्रेन डेड घोषित करना पीजीआइ ने किया अनिवार्य, बनाई गई विशेषज्ञों की टीम

UP Health News प्रदेश में अंगदान को बढ़ावा देने के ल‍िए पीजीआइ ने ब्रेन डेड घोषित करना अनिवार्य क‍िया है। ब्रेन डेड प्रक्रिया पर पीजीआइ में आयोजित हुई सीएमई में यह जानकारी दी गई। वहीं इसके ल‍िए विशेषज्ञों की टीम भी बनाई गई है।

लखनऊ, जासं। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) में अंगदान को बढ़ावा देने के लिए ब्रेन डेड घोषित करना अनिवार्य कर दिया है। ब्रेन डेड घोषित करने के लिए एपेक्स ट्रामा सेंटर में विशेषज्ञों की टीम भी तैयार की गई है। इस टीम में न्यूरोसर्जन, न्यूरोलाजिस्ट और निश्चेतना (एनेस्थीसिया) विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं।

स्टेट आर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट के तहत यह अनिवार्य है कि रोड एक्सीडेंट या किसी अन्य दुर्घटना में घायल व्यक्ति का पूरा इलाज किया जाए और इलाज के बाद भी स्थिति में सुधार न हो तो ब्रेन डेड घोषित किया जाए। ब्रेन डेड घोषित होने वाले व्यक्ति के परिजनों को अंगदान के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से संस्थान के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख और स्टेट आर्गन ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के प्रमुख प्रो. राजेश हर्षवर्धन ने ब्रेन डेड की प्रक्रिया को लेकर सीएमई का आयोजन किया।

इसमें अंगदान से जुड़े प्रतिनिधियों के अलावा संस्थान के न्यूरोसर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ सहित अन्य लोग शामिल हुए। प्रो. हर्षवर्धन ने बताया कि ब्रेन डेड घोषित होने के बाद अंगदान के बारे में परिजनों को पता चलना चाहिए। इसमें पुलिस की भी अहम भूमिका है। इसे बढ़ाने के लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर तैयार किया गया है। इसमें परिजनों की सहमति ली जाती है।

एनेस्थीसिया विभाग की डा. सुरुचि और न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रो. कमलेश सिंह, न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. राजकुमार ने बताया कि ब्रेन डेड घोषित करने के लिए मानक तय किए गए हैं। उस मानक के आधार पर विशेषज्ञ ब्रेन डेड घोषित करते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति का मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के लंबे समय तक जीने की संभावना नहीं होती।

ट्रांसप्लांट कोआर्डिनेटर नीलिमा दीक्षित और शिप्रा श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रेन डेड होने वाले व्यक्ति के परिजनों को हम बताते हैं कि उनका परिजन दूसरों को अपने अंग देकर उन्हें जीवन दे सकता है। कई लोगों को अंग न मिलने के कारण जीवन गंवाना पड़ता है। उन्हें अंग मिल जाए तो उनका जीवन बच सकता है। क्या है ब्रेन डेड : ब्रेन डेड एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त और आक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है, दिमाग काम करना बंद कर देता है। इंसान को सिर पर चोट लगने या ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी के कारण ऐसा हो सकता है। ब्रेन डेड होने की स्थिति में मरीज को लाइफ सपोर्ट पर रखा जाता है।

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