Health

डेल्टा प्लस वैरियंट : जीत सकते हैं जंग

कोविड-19 का संक्रमण पूरी मानवता के लिए एक वैश्विक संकट है। अबतक लाखों लोगों की जान जा चुकी है। अभी यह कहना मुश्किल है कि यह लड़ाई कबतक चलेगी। डेल्टा प्लस वैरियंट के रूप में अब तीसरी लहर ने भी डरावनी दस्तक दी है। इस लड़ाई को जीतने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक और सरकारें लगी हुई हैं। भारत में तीन लाख 80 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि वैश्विक आंकड़े इसके आठ गुने से भी अधिक हो सकते हैं। अब मानव जीवन को बचाने की बड़ी चुनौती है। भारत में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने मुफ्त वैक्सीन की घोषणा की है। घोषणा के ही दिन लोगों में अच्छी पहल देखी गयी और तकरीबन 80 लाख लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया। हालांकि अभी इस मुहिम को और अधिक गति प्रदान करने की आवश्यकता होगी। सरकार चाहती है कि तीसरी लहर के पूर्व अधिक से अधिक वैक्सीनेशन हो जाए। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देशभर में डेल्टा प्लस वैरियंट के 50 मामले मिले हैं। महाराष्ट्र में 22 जबकि बाकि मध्य प्रदेश और केरल में हैं। अभीतक यह दस देशों में देखा गया है जिसमें भारत के साथ पोलैंड, पुर्तगाल, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, चीन, स्वीटजरलैंड नेपाल जैसे देश शामिल हैं। जबकि डेल्टा विषाणु दुनिया के 80 मुल्कों में पाया गया है जिसमें भारत भी शामिल है। डेल्टा प्लस को अभी खतरनाक श्रेणी में नहीं रखा गया है। अभी यह वैरियंट ऑफ इंटरेस्ट की श्रेणी में हैं जबकि वैरियंट ऑफ कंसर्न की स्थिति खतरनाक होती है। 

प्रयोगशालाओं के जरिए जो नतीजे आए हैं उसमें कहा गया है कि डेल्टा प्लस फेफड़ों की कोशिकाओं को तेजी से प्रभावित करता है। इसके अलावा शरीर में मौजूद मानोक्लोनल प्रतिरक्षा सिस्टम को भी कमजोर करता है। जिसकी वजह से यह बेहद खतरनाक हो सकता है। वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि सबसे पहले यह यूरोप में पाया गया था। माना जा रहा है कि यह वैरियंट भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। अगर इस तरह की स्थितियां पैदा हुईं तो हालात बेहद बदतर होंगे। क्योंकि देश अभी तक दूसरी लहर से भी नहीं ऊबर पाया है। वैज्ञानिकों की तरफ से दी गयी तीसरी लहर की चेतावनियों ने देशवासियों की चिंता बढ़ा दी है।

कोविड-19 का वैज्ञानिक विश्लेषण करें तो यह वायरस पूरी तरह बहुरुपिया है। वैज्ञानिक शोध और प्रयोगों में यह साबित हो चुका है कि अब तक यह कई स्वरूप बदल चुका है। दुनिया में इसकी उपलब्धता कबतक रहेगी यह कहना मुश्किल है। डब्लूएचओ ने कोरोना का जो नामकरण किया है उसके अनुसार डेल्टा, कप्पा, अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और अब डेल्टा प्लस भी आ गया है। भारत में दूसरी लहर जो चल रही है वह डेल्टा वैरियंट की वजह से ही है। अबतक यह बेहद खतरनाक साबित हुआ है। दूसरी लहर में सबसे अधिक लोगों की मौत हुई। अब उसका विकसित रुप डेल्टा प्लस वैरियंट सामने आ चुका है। अगर इस पर समय से तीनों राज्यों ने नियंत्रण नहीं किया तो स्थिति भयावह हो सकती है। 

प्रसिद्ध विशेषज्ञ शाहिद जमील ने भी चिंता और आशंका जाहिर की है कि डेल्टा प्लस वैरियंट वैक्सीन और इम्युनिटी को भी मात दे सकता है यानी मतलब साफ है कि अगर डेल्टा प्लस वैरियंट का संक्रमण जिस व्यक्ति को हुआ उसकी मुश्किल बढ़ सकती है। क्योंकि वैक्सीन लेने और शरीर में बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के बाद भी यह विषाणु प्रभावशाली होगा। इससे यह साबित होता है कि यह इम्युन सिस्टम को भी धता बता सकता है। अभीतक लोगों को भरोसा था कि अगर उन्होंने वैक्सीन ली है और शरीर का इम्युन सिस्टम ठीक है तो कोरोना से लड़ना आसान होगा। स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।

महाराष्ट्र सरकार ने तो पूरी आशंका जताई है कि कोरोना की तीसरी लहर डेल्टा प्लस वैरियंट से आ सकती है। सरकार और वैज्ञानिक इसपर लगातार शोध कर रहे हैं। लेकिन देश के नागरिक होने के नाते हमारा राष्ट्रीय दायित्व भी बनता है कि हम भीड़-भाड़ से बचें। मास्क, साबुन और सैनिटाइजर का उपयोग करें। परिवार के लोगों को पूरी तरह वैक्सीनेट करवाएं। बाहर निकलना आवश्यक न हो तो सुरक्षित घर में रहें। फिलहाल यह लड़ाई सिर्फ सरकार और वैज्ञानिकों के भरोसे नहीं लड़ी जा सकती। हमें भी एकसाथ आना होगा तभी हम मजबूती से यह जंग जीत सकते हैं।

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