विश्व चैंपियनशिप का फाइनल में अंशु मलिक ने रचा इतिहास,जीता सिल्वर मेडल
हरियाणा की अंशु मलिक गुरुवार को विश्व चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला हार गई और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इस हार के बाद भी 57 किग्रा में 19 वर्ष की अंशु इतिहास बनाने में सफल रहीं। वह इस चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं।
इससे पहले भारत की चार महिला पहलवानों ने विश्व चैंपियनशिप में पदक जीता है लेकिन सभी को कांस्य पदक मिला है। गीता फोगाट ने 2012 में, बबीता फोगाट ने 2012 में, पूजा ढांडा ने 2018 और विनेश फोगाट ने 2019 में कांस्य पदक अपने नाम किया था। अंशु विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली छठी भारतीय भी हैं। उनसे पहले बिशंबर सिंह (1967), सुशील कुमार (2010), अमित दहिया (2013), बजरंग पूनिया (2018) और दीपक पूनिया (2019) फाइनल में पहुंचे थे। इनमें सुशील ही स्वर्ण पदक जीत पाए थे।
वहीं विश्व चैंपियन को हराकर उलटफेर करने वाली सरिता मोर को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने कांस्य पदक मुकाबले में शानदार खेल दिखाया और स्वीडन की सारा लिंडबोर्ग के खिलाफ 2 के मुकाबले 8 अंकों से जीत हासिल किया।
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