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सचिन की शैतानियों से तंग आकर मां ने भेजा,क्रिकेट ट्रेनिंग कैंप…

क्रिकेट के भगवान और ड्रेसिंग रूम में सबके सचिन पाजी 49 साल के हो गए है। सचिन और रिकार्ड एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं। 24 साल तक लकड़ी के बैट से लोहा मनवाना किसी साधारण खिलाड़ी के बस की बात नहीं होती पर उन्होंने ये काम बाखूबी किया लेकिन बात आज उनकी मां की जब उन्होंने पहली बार उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें क्रिकेट ट्रेनिंग कैंप भेजा और शुरू हुई एक साधारण बच्चे की असाधरण क्रिकेटर बनने का सफर।

एक इंटरव्यू में जब सचिन की मां से पूछा गया था कि उन्हें कब लगा कि इस बच्चे के अंदर क्रिकेट खेलने की प्रतिभा है तो वो कहती हैं सच पूछिए तो उनकी नजर में हर लड़का बचपन में बैट-बाल और लड़की गुड़िया से खेलती है इसलिए उन्हें सचिन के बारे में भी ऐसा ही लगा।

एक किस्सा जिसने सचिन की दुनिया बदल दी

एक बार सचिन अपने घर के कंपाउंड में आम तोड़ रहे थे। चौकीदार ने देख लिया और चिल्लाने लगा। उनके साथी भाग खड़े हुए लेकिन सचिन पेड़ पर फंस गए। चौकीदार ने जैसे ही सचिन को उतारना चाहा वे कूद कर भाग गए। उस दिन घर में सचिन को लेकर खूब चिंता हुई। सचिन के भाई अजित तेंदुलकर ने कहा कि वो अच्छा क्रिकेट खेलता है। उसकी प्रतिभा को घर की चारदीवारी तक नहीं रहना चाहिए बल्कि उन्हें क्रिकेट खेलने भेजना चाहिए।

लेकिन उनकी मां का मानना था कि ऐसी कोई बात नहीं है फिर उन्होंने ये सोचकर हामी भर दी कि दो महीने तक उनकी बदमाशियों से छुटकारा मिलेगा। इसके बाद सचिन की ट्रेनिंग शुरू हुई और उनकी मुलाकात हुई रमाकांत आचरेकर सर से जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनकी दुनिया ही बदल दी। आज शायद ही कोई रिकार्ड हो जो सचिन के नाम न हो। आपको बता दें कि सचिन ने अपना आखिरी मैच मुंबई में कराने के लिए बीसीसीआइ से आग्रह इसलिए किया था क्योंकि वो कम से कम एक मैच अपनी मां को दिखाना चाहते थे। इससे पहले उनकी मां ने एक भी मैच स्टेडियम आकर नहीं देखा था।

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