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3 मई को मनाई जाएगी ईद-उल-फितर, जानिए ईद का महत्व और कैसे हुई इसकी शुरुआत

रमज़ान का पाक महीना चल रहा है। 29वें दिन यानी रविवार के दिन चांद नहीं दिखने के कारण ईद का पर्व आज नहीं मनाया जा रहा है। इस हिसाब से आज पाक माह का 30 वां रोजा है। इसके साथ ही 3 मई, मंगलवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाएगी। ईद का पर्व मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए काफी बड़ा त्योहार होता है। रमज़ान के पाक महीने में रोजा रखने के बाद ईद-उल-फितर भाईचारे और अमन का पैगाम लेकर आती है। सऊदी अरब में रविवार को चांद दिखने के कारण आज ईद मनाई जा रही है।  इसलिए ईद किस दिन मनाई जाएगी ये पूरी तरह से चांद के ऊपर निर्भर है। जानिए ईद से जुड़ी कुछ खास बातें।

ईद-उल-फितर का महत्व

मुस्लिम समुदाय  के लिए ईद का पर्व काफी खास होता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमज़ान नौवां महीना होता है जिसमें रोजा रखे जाते हैं। वहीं दसवें महीने में शव्वाल होता है। शव्वाल का अर्थ है उपवास तोड़ने का पर्व। इसी कारण इस साल शव्वाल माह के शुरू होने के साथ ही ईद का पर्व मनाया जाएगा।

इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह के समय नमाज अदा करते हैं इसके बाद खजूर खाते हैं और एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। इसके साथ ही आज मीठी सेवइयां  के साथ विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं। मान्यता है कि आज के दिन जकात यानी दान देना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान देने से कई गुना अधिक सवाब मिलता है।

कैसे और कब हुई ईद उल फितर की शुरुआत

मान्यता है कि ईद की शुरुआत तब हुई जब पैगंबर मोहम्मद मक्का से मदीना आए थे। मोहम्मद साहब ने कुरान में दो पवित्र दिनों में  ईद-उल-फितर  निर्धारित किया। इसी कारण साल में दो बार ईद का पर्व मनाया जाता है। जिसमें पहली  ईद-उल-फितर (मीठी ईद) के नाम से जाना जाता है और दूसरी को ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के नाम से जाना जाता है। इस बार बकरीद का पर्व 9 जुलाई को पड़ सकता है।

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