Uttarakhand

सरकारी धन का दुरुपयोग,लाखों की सोलर फेंसिंग में एक दिन भी नहीं दौड़ा करंट

वन विभाग अक्सर अपने कारनामों के लिए चर्चाओं में रहता है। राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज में सरकारी धन के दुरुपयोग का एक और मामला सामने आया है। गौहरी रेंज में जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए गांवों की सीमा पर लगाई सोलर फेंसिंग का हश्र विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज में कई गांव पार्क की सीमा से सटे हुए हैं। इन गांवों में हमेशा ही जंगली जानवरों की आमद बनी रहती है। जंगली जानवरों की रोकथाम व बचाव के लिए विभाग ने इन गांव में जंगल की सीमा पर सोलर फेंसिंग लगाने का काम किया था। यमकेश्वर के नीलकंठ क्षेत्र से जुड़े पुंडरासु गांव में करीब 25 लाख रुपये की लागत से डेढ़ किलोमीटर की सोलर फेंसिंग लगाने का काम किया गया। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते ठेकेदार ने इस कार्यों में मनमानी की सभी हदें पार कर दी।

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कायदे से जहां सोलर फेंसिंग की लाइन बिछाई जाती है, वहां एक मीटर की पक्की पट्टी का निर्माण किया जाना जरूरी है। इससे सोलर फेंसिंग के नीचे हरी घास और झाड़ी नहीं उगती और फेसिंग में शार्ट सर्किट का खतरा कम रहता है। मगर, ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। ठेकेदार ने सोलर फेसिंग लगाने के नाम पर लाखों रुपये ठिकाने लगा दिए। वहीं, विभाग ने भी बिना जांच पड़ताल किए ही ठेकेदार को इसका संपूर्ण भुगतान भी कर दिया। क्षेत्र के धमांद गांव में भी सोलर फेंसिंग के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। हालांकि यहां अभी तक सोलर फेंसिंग काम कर रही है, मगर जिस तरह मानकों को ताक पर रखकर यह फेंसिंग लगाई गई है, उससे इसका भविष्य भी संकट में ही है।

उधर, ग्रामीणों की माने तो सोलर फेंसिंग लगने के बाद आज तक इस पर करंट नहीं दौड़ा। घटिया निर्माण का नतीजा यह हुआ कि सोलर फेंसिंग के पोल कई जगह खुद ही गिर गए। फेंसिंग में करंट ना होने के कारण जानवरों ने कई जगह इसको नुकसान पहुंचाया है। कुल मिलाकर लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद सोलर फेंसिंग का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है और यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस गोलमाल पर क्या कार्रवाई करते हैं।

चौरासी कुटी में भ्रष्टाचार की दीवार पर लगा दी टाइल्स

राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज में स्थित चौरासी कुटी में भी कुछ दिन पूर्व दैनिक जागरण ने पुरानी ईंटों से नए शौचालय के निर्माण का खुलासा किया था। मगर, भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों ने इस मामले की जांच करानी भी उचित नहीं समझी। यहां चौरासी कुटी के गेट पर निर्माणाधीन शौचालय पर पलस्तर व टाइल्स लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि राजाजी टाइगर रिजर्व में भ्रष्टाचार को किस तरह पनाह दी जा रही है।

गौहरी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी धीर सिंह ने बताया कि धमांद और पंडरासु में सोलर फेंसिंग का काम पूर्ण होने पर टेङ्क्षस्टग के बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया गया। अब सोलर फेंसिंग किन कारणों व कितने समय से खराब पड़ी है, इसकी जानकारी नहीं है। गांव में ही सोलर फेंसिंग के रखरखाव के लिए विभाग की ओर से तीन लोग रखे गए हैं। उन्होंने भी इस संबंध में जानकारी नहीं दी। अभी फेसिंग की मरम्मत का जिम्मा संबंधित ठेकेदार का है, शीघ्र ही उसे सूचित कर सोलर फेंसिंग को दुरुस्त कराया जाएगा।

भादसी की जिला पंचायत सदस्य क्रांति कपरुवाण ने कहा, वन विभाग ने सोलर फेंसिंग के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला किया है। सोलर फेंसिंग के निर्माण में ना तो मानकों का पालन किया गया और ना ही जिम्मेदार अधिकारियों ने इस घटिया निर्माण का संज्ञान लिया। हकीकत यह है कि सोलर फेंसिंग में एक दिन भी करंट नहीं दौड़ा। यहां सोलर पैनल और बैटरी बेकार पड़ी हैं, यह गंभीर मामला है, जिसकी जांच की जानी चाहिए।

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