Uttarakhand

देश में बाघों के संरक्षण को लगा बड़ा झटका,अब तक 28 बाघाें की मौत,जानिए अन्य राज्यों का हाल

उत्तराखंड में बाघों के संरक्षण को लेकर सार्थक प्रयास हो रहे हैं। इसकी तस्दीक वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया (डब्ल्यूपीएसआई) के आंकड़े कर रहे हैं। डब्ल्यूपीएसआई ने 2022 के जनवरी और फरवरी माह के आंकड़े जारी कर दिए हैं। जिसके मुताबिक बीते दो महीनों में देश भर में 28 बाघों की मौत हुई है, जिनमें सर्वाधिक नौ बाघों की मौत सिर्फ मध्यप्रदेश में हुई है। जबकि महाराष्ट्र में सात और कर्नाटक में पांच बाघों की मौत हुई है। उत्तराखंड में इस साल अब तक एक भी मौत दर्ज नहीं हुई है। वहीं बात करें तेंदुओं की तो इस साल अब तक 125 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। तेंदुओं के मामले में भी अब तक दर्ज हुई 26 मौतों के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है, जबकि महाराष्ट्र में 27 मौतें दर्ज हुई हैं। उत्तराखंड में इस साल अब तक 11 तेंदुअों की मौत हुई है।

देश में हर दूसरे दिन एक बाघ की मौत

वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया के आंकड़े देश में बाघ संरक्षण कार्यक्रम पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जबकि भारत पहले इस मामले में वाहवाही बटोर चुका है। डब्ल्यूपीएसआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीटू जोसेफ ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि 28 फरवरी तक देश में कुल 28 बाघों की मौत दर्ज की गई है। यानी हर दूसरे दिन एक बाघ की मौत हुई है। इनमें से आठ बाघों का अवैध शिकार किया गया है, जबकि 20 बाघों की मौत आपसी संघर्ष और अन्य कारणों से हुई है। बता दें कि बीते साल 2021 में देश में कुल 171 बाघों की मौत हुई थी, जिनमें 56 बाघों का शिकार हुआ था और 115 बाघों आपसी संघर्ष और अन्य कारणों से हुई थी।

देश में हर दिन हो रही चार तेंदुओं की मौत

देश में सिर्फ दो महीने में तेंदुओं के मौत के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। इस साल अब तक कुल 127 तेंदुओं की मौत हो चुकी है, जिनमें 47 की मौत अवैध शिकार के कारण हुई है और 115 तेंदुओं की माैत आपसी संघर्ष व अन्य कारणों से हुई। बीते साल 2021 देश में कुल 614 तेंदुओं की मौत हुई थी, जिनमें 182 तेंदुओं का शिकार हुआ था और 432 तेंदुओं की अन्य कारणों से मौत हुई थी। इस साल अब तक हुई बाघ और तेंदुओं की मौत से वन्यजीव प्रेमी और संरक्षण की दिशा में काम करने वाली संस्थाएं चिंतित हैं।

देश में सबसे ज्यादा घनी आबादी कार्बेट में

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) की रिपोर्ट के मुताबिक कार्बेट नेशनल पार्क में देश में सबसे ज्यादा बाघों की घनी आबादी है। रिपोर्ट के मुताबिक कार्बेट में 100 वर्ग किमी के एरिया में करीब 14 बाघ रह रहे हैं। ऐसे में आशंका थी कि कार्बेट में बाघों का आपसी संघर्ष बढ़ेगा। वर्तमान में कार्बेट नेशनल पार्क में 231 बाघ हैं। इधर, जहां कार्बेट में बाघों का घनत्व सबसे ज्यादा है, वहीं चिंता की बात यह है कि पिछले दस सालों में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) का क्षेत्रफल करीब 22 वर्ग किमी कम हुआ है। हालांकि कॉर्बेट का दायरा कम होने के बीच अच्छी खबर यह भी है कि यहां का कुछ एरिया घने जंगल के रूप में बदल गया है। सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व होने के बाद भी सीटीआर में इस साल अब तक एक भी बाघ की मौत नहीं हुई है। सीटीआर के निदेशक राहुल बताते हैं कि सीटीआर में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए हाईटेक इंतजाम है। तीन साल पहले कॉर्बेट में ड्रोन फोर्स, 30 साल पहले थर्मर कैमरे लगाए गए। सालों से हाथियों के जरिए हो रही गश्त भी बाघ संरक्षण को मजबूत बना रही है। इसके अलावा पैदल पेट्रोलिंग के अलावा रामगंगा नदी में वोट से गश्त की जाती है।

देश में नेशनल पार्क में 100 वर्ग किमी में बाघों की स्थिति

कार्बेट नेशनल पार्क (उत्तराखंड)    14

काजीरंगा नेशनल पार्क (असम)     13.6

नागरहोल नेशनल पार्क (कर्नाटक) 11.82

ओरांग नेशनल पार्क (असम)         10.62

रणथंभौर नेशनल पार्क (राजस्थान)  9.60

बीते सालों में हुई बाघों की मौतें

एनटीसीए के अनुसार देश में 2021 में 127, 2020 में 106, 2019 में 96, 2018 में 101, 2017 में 117, 2016 में 121, 2015 में 82, 2014 में 78, 2013 में 68 और 2012 में 88 बाघों की मौत हुई।

इस साल हुई बाघों की मौतें

आन्ध्र प्रदेश       01

असम              02

बिहार              01

कर्नाटक          03

केरल              02

मध्य प्रदेश       09

महाराष्ट्र           07

राजस्थान         01

कुल               28

इस साल हुई तेंदुओं की मौतें

आन्ध्र प्रदेश     03

असम            03

कर्नाटक         04

मध्य प्रदेश      26

महाराष्ट्र          27

राजस्थान       16

छत्तीसगढ़       07

गोवा              01

गुजरात          03

हरियाणा         02

उड़ीसा           07

तमिलनाडु      03

तेलंगाना         01

उत्तर प्रदेश     07

उत्तराखंड      11

पश्चिम बंगाल   03

झारखंड         01

हिमाचल प्रदेश 01

जम्मू-कश्मीर   01

कुल              127

बाघों की जनसंख्या में उत्तराखंड देश में तीसरे स्थान पर

देश के 20 राज्यों में कुल 2,967 बाघ हैं। इनमें से 1,492 बाघ मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड में हैं। सिर्फ तीन राज्यों में ही देश में बाघों की कुल आबादी के 50 प्रतिशत से ज्यादा बाघ रहते हैं। अगर दुनिया के लिहाज से देखें तो इन तीन राज्यों में बाघों की कुल आबादी का 35% बाघ रहते हैं। देश में सर्वाधिक बाघों की आबादी वाला राज्या मध्य प्रदेश है। जहां बाघों की कुल आबादी 526 है। कर्नाटक में 524 और तीसरे पर नंबर उत्तराखंड में 442 है। महाराष्ट्र में 312 और तमिलनाडु में बाघों की कुल जनसंख्या 264 है।

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