Uttar Pradesh

लखनऊ के पीजीआई हॉस्पिटल में पहली बार रोबोट से होगा किडनी ट्रांसप्लांट

लखनऊ के पीजीआई हॉस्पिटल में इसी महीने रोबोट से किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होगा। सामान्य ट्रांसप्लांट की तुलना में रोबोटिक ट्रांसप्लांट ज्यादा सटीक और सुरक्षित है। इसमें जोखिम कम है और चीरा भी छोटा लगता है। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि संस्थान प्रशासन ने ऑपरेशन थियेटर से लेकर अन्य सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। ट्रांसप्लांट टीम में शामिल डॉक्टर तैयार हैं। ट्रांसप्लांट वाले मरीज और डोनर की स्क्रीनिंग और जांच चल रही है। यूपी में रोबोट से किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला पीजीआई पहला संस्थान बनेगा।

निदेशक डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट टीम में चार विभागों की टीम गठित की गई है। इसमें यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनीश श्रीवास्तव, नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद के निर्देशन में पैथोलॉजी और एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर प्रशिक्षण ले चुके हैं।

यह तकनीक सटीक और सुरक्षित
नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद बताते हैं कि रोबोट से ट्रांसप्लांट में जोखिम बहुत कम है। चार से पांच सेमी. का चीरा लगता है, जबकि रोबोट से सिर्फ एक से डेढ़ सेमी. का चीरा लगता है। इससे सटीक और सुरक्षित ट्रांसप्लांट सम्भव है। डॉ. नारायण बताते हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट में चार से छह घण्टे लगता है। रोबोट में भी इतना समय लगेगा। 

चार लाख खर्च होगा
डॉ. नारायण प्रसाद बताते हैं कि मौजूदा समय में जांच व ट्रांसप्लांट में तीन लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि रोबोट से ट्रांसप्लांट में चार लाख रुपये का खर्च आएगा। वहीं निजी संस्थानों में 20 लाख रुपये तक खर्च हो जाता है।

हफ्ते में तीन से चार किडनी ट्रांसप्लांट संभव
नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद बताते हैं कि सामान्य दिनों में यहां हर हफ्ते तीन से चार किडनी ट्रांसप्लांट हो रहे थे। साल में औसतन 150 ट्रांसप्लांट हो रहे थे। कोरोना कॉल में यह संख्या कम हुई है। अब फिर से ट्रांसप्लांट की रफ्तार तेज हो गई है। रोबोट से भी हफ्ते में तीन से चार ट्रांसप्लांट होंगे। 

रोबोट से पांच विभाग के ऑपरेशन हो रहे
निदेशक डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि पीजीआई में वर्ष 2019 में रोबोट आया था। इसी साल मई में चार ऑपरेशन हुए। पांच विभाग के मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है। इसमें इण्डोक्राइन, कार्डियक, गेस्ट्रो, यूरोलॉजी व कार्डियक थोरेसिक एण्ड वेस्कुलर सर्जरी (सीवीटीएस) को ऑपरेशन हो रहे हैं। अब तक दिल, थायरायड ट्यूमर, प्रोस्टेट और पेट के ऑपरेशन रोबोट से हो चुके हैं। 

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