Uttar Pradesh

भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी ने किया राष्ट्र को संबोधित, कही ये महत्वपूर्ण बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मैं इस पावन अयोध्या नगरी में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित किया गया और मुझे मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के अति शुभ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ।

अयोध्या: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन के शुभ कार्य को संपन्न कर कर मंदिर की आधारशिला रखी। पूरी अयोध्या के साथ साथ पूरा देश में और हर मन दीपमय हैं सदियों के लंबे इंतजार के के बाद संपूर्ण देशवासियों को यह दिन देखने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत समाज, अयोध्या वासियों और संपूर्ण राष्ट्र को संबोधित किया जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया उन्होंने कहा बरसों से टाट और टेंट के नीचे हमारे श्री राम रह रहे हैं अब उनके लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा और सदियों से चल रहे टूटने और फिर उठ खड़े होने के इस क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई है ।

राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था , संघर्ष का संकल्प भी था, जिनके त्याग बलिदान और संघर्ष से आज यह सपना साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राम मंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है मैं आज उन सभी लोगों की वंदना करता हूं।

श्री राम हमारे मन में बसे हुए हैं। हमारे भीतर ही घुल मिल गए हैं कोई भी काम करना हो हम भगवान श्रीराम के आदर्शों को ही प्रेरणा स्रोत के रूप में याद करते हैं। आप भगवान श्री राम की शक्तियों को देखिए, इमारतें नष्ट कर दी गई , अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ लेकिन श्री राम आज भी हमारे मन में बसे हुए हैं,  हमारे बीच हैं और हमारी संस्कृति का आधार है।

श्री राम भूमि पूजन के कार्य करने से पहले नरेंद्र मोदी ने हनुमानगढ़ी का दर्शन कियायहां आने से पहले मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया । राम के सारे कम हनुमान ही तो करते हैं । राम के आदर्शों की कलयुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी श्री हनुमान की है । हनुमान जी के आशीर्वाद से ही तो श्री राम मंदिर भूमि पूजन का आयोजन शुरु हुआ है।

यह मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा। हमारी राष्ट्रीय भावना और करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का प्रतीक बनेगा। इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या के सिर्फ भव्यता ही नहीं पड़ेगी इस क्षेत्र का पूरा अर्थ तंत्र भी बदल जाएगा यहां क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे। हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे पूरी दुनिया से लोग यहां श्री राम और माता जानकी के दर्शन के लिए आएंगे।

उन्होंने अपने भाषण में करोड़ों राम भक्तों के संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि आज का यह दिन उन राम भक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। यह दिन सत्य, अहिंसा, आस्था, बलिदान को न्याय प्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है ।जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था तब भी हमने इसी मर्यादा का अनुभव किया और श्री राम की मर्यादा का परिचय देते हुए सभी देशवासियों ने शांति के साथ सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया। आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा देख रहे हैं।
कोरोना से बनी इन स्थितियों के कारण भूमि पूजन का यह कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है । श्री राम ने अपनी मर्यादा के कारण जिस तरह का उदाहरण समाज के लिए प्रस्तुत किया था बिल्कुल उसी तरह का उदाहरण देशवासियों ने भी प्रस्तुत किया। जैसे पत्थरों पर श्री राम लिखकर रामसेतु बनाया गया वैसे ही घर घर से गांव गांव से पूजा शिलाएं यहां उर्जा का स्रोत बन कर आए ।देश भर के मंदिरों से लाई गई मिट्टी और पवित्र नदियों का जल वहां के लोगों की संस्कृति और भावनाओं की शक्ति का कारण बना हुआ है।
जिस तरह दलितों और पिछड़ों आदिवासियों और समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई लड़ी उसी तरह लोगों के सहयोग से आज इस शुभ अवसर का पुण्य कार्य प्रारंभ हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीराम का वर्णन करते हुए कहा कि रामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्पति के समान, और यश में इंद्र के समान माना गया है श्री राम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर रहता है वह है सत्य पर अडिग रहना। इसीलिए राम ने संपूर्ण सामाजिक समरसता को अपने शासन की आधारशिला बनाया उन्होंने गुरु वशिष्ट से ज्ञान केवट से प्रेम शबरी से मातृत्व हनुमान और वनवासी बंधुओं से सहयोग और प्रजा से विश्वास प्राप्त किया यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।

ऐसा कोई पहलू नहीं है जहां हमारे श्रीराम हमें प्रेरणा ना देते हो, भारत की ऐसी कोई भावना नहीं जिसमें प्रभु राम जी ना हो। भारत की आस्था में राम है, आदर्शों में राम है, दिव्यता में राम है, और भारत दर्शन में राम है।

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