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प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात ने दिए मंत्र, बोले बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है

नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान द्वारा नवनियुक्त उत्तर प्रदेश पालिका (केन्द्रीयित) सेवा के अधिशासी अधिकारी/सहायक नगर आयुक्त, सहायक अभियंता (ट्रैफिक), अधिशासी अधिकारी (नगर पंचायत ) एवं राजस्व निरीक्षकों के आधारभूत प्रशिक्षण के समापन पर सोमवार को विशेष समारोह का आयोजन किया गया। नगरीय निकाय निदेशालय में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने नवनियुक्त अधिकारियों को आशीर्वाद देने के साथ ही मार्गदर्शन प्रदान किया। मुख्य सचिव ने कहा कि बेहतर जीवन जीने की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है ,और इस वजह से शहरों में जनसंख्या भी तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2011 में प्रदेश के शहरों में 31ः आबादी निवास कर रहे थी जो अब बढ़कर 36ः हो गई है। उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि वह अपने-अपने जिलों में जाकर उस जिले का स्थापना दिवस मनाए। हर साल जब भी स्थापना दिवस मनाया जाए, तब यह देखा जाना चाहिए कि 01 साल के अंदर जिले ने कितनी प्रगति की और भविष्य की क्या संभावनाएं हैं।

श्री मिश्र ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा लागू की गई कई योजनाओं का हवाला देते हुए नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि इन योजनाओं की सफलता की जिम्मेदारी और जन जन तक पहुंचाने का जिम्मा उनके कंधों पर है। इनकी सफलता को और आगे बढ़ाना आप सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश में इस समय बदलाव की लहर चल रही है। हर इंसान तरक्की करना चाहता है और इसी वजह से वह शहर की ओर आ रहा है। शहर ही आर्थिक विकास का मुख्य आधार है और ग्रामीण क्षेत्र उत्पादन का आधार है। उन्होंने कहा कि शहर में शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन से लेकर हर प्रकार की सुख सुविधाएं पानी, बिजली, गैस, मकान उपलब्ध हैं, इसलिए लोग यहां आना चाहते हैं और हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहरों को साफ सुथरा और हर दृष्टिकोण से बेहतर बनाएं। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि इंदौर 06 वर्ष से स्वच्छता में देश में नंबर एक पायदान पर है और आप सभी अफसरों को इस बात का प्रण करना चाहिए कि वह अपने निकाय में इस अभियान को इतना अच्छा बनाएं कि उनका निकाय देश में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त कर सके।

मुख्य सचिव जी ने कहा कि हर कर्मचारी को अपने कार्य और दायित्व के प्रति गंभीर रहना चाहिए और इसी वजह से केंद्र सरकार की मिशन कर्मयोगी योजना से राज्य के प्रत्येक कर्मचारी को जोड़ेंगे और पंजीकरण अनिवार्य कराएंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि 50 हजार से अधिक आबादी वाले प्रत्येक शहर का जीआईएस बेस तैयार हो रहा है और इसके बाद इन सभी जिलों का एक मास्टर प्लान तैयार होगा, ताकि इनका विकास एक तय नीति के अनुसार हो सके। उन्होंने कहा के बिना प्लान तैयार किए, जो विकास होता है उसमें सुधार से ज्यादा गड़बड़ी की आशंका रहती हैं। इसलिए सरकार इस विषय पर काफी गंभीर है। मुख्य सचिव ने नवनियुक्त अधिकारियों को सीख दी कि उनके अंदर सीखने की भूख कभी कम नहीं होनी चाहिए। अपना उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज भी वह 40 साल की नौकरी करने के बाद हर दिन कुछ न कुछ नया सीखते हैं। मुख्य सचिव ने नवनियुक्त अफसरों से यह भी आह्वान किया कि उनका यह दायित्व है कि वह जहां पर अब नियुक्त हुए हैं उसमें पूरा मन लगाकर कार्य करें।

शक्ति के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने नगरीय प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों में आए बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहले नगरीय निकायों में नाली सफाई,सड़क की सफाई मच्छरों की रोकथाम, त्योहारों पर ड्यूटी जैसा काम होता था, परंतु आज के हमारे नगरीय प्रशासन से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, एयर क्वालिटी कंट्रोल जैसी व्यवस्था की उम्मीद की जाती हैं। इसलिए, इस प्रशिक्षण की आवश्यकता थी।

प्रमुख सचिव ने नवनियुक्त अधिकारियों को सीख दी कि बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। फील्ड पर जिंदगी की राह आसान नहीं मिलेगी। काफी चुनौतियां हैं लेकिन, आप चुनकर आए हैं और आप भाग्यशाली हैं कि आपको एक अच्छी मर्यादित जिम्मेदारी मिली है। आपको देश के विकास में 05 ट्रीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने में आपकी सशक्त जगह पर नियुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में उत्तर प्रदेश को उत्कृष्ट प्रदर्शन करना है। मेरी तो इच्छा यह है कि प्रशिक्षण लेने वाले आप नवनियुक्त अधिकारियों का नगरीय निकाय देश के टॉप 100 शहरों में जगह बनाएं। उन्होंने कहा कि टैक्स की व्यवस्था में बदलाव करेंगे। अगर आपके अपनी नगरीय निकाय को सशक्त होना है तो टैक्स की वसूली पर ध्यान देना है। उन्होंने सफाई की व्यवस्था से लेकर नियमित कार्यों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया।

97 अधिकारियों का पहला बैच
इसके पूर्व निदेशक नगरीय निकाय श्रीमती नेहा शर्मा जी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान का यह पहला बैच है, जिसे आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिला। सभी अधिकारियों को चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ उनकी क्षमता के अनुसार कार्य करने, दक्षता प्रबंधन और तकनीकी रूप से दक्ष बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षुओं को क्लासरूम से लेकर फील्ड में कार्य करने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। ताकि वह जाकर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। श्रीमती नेहा शर्मा ने बताया कि नवनियुक्त अधिकारियों ने मॉक सर्वेक्षण की मूल्यांकन रिपोर्ट भी तैयार की। इससे उन्हें स्वच्छ सर्वेक्षण को समझने और अपनी निकाय को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि 05 सहायक नगर आयुक्त, 81 अधिशासी अधिकारी, 9 राजस्व निरीक्षक और 2 सहायक अभियंता (ट्रैफिक) ने इस आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलता पूर्व पूर्ण किया है। इस दौरान स्वच्छता को लेकर एक नाटक का मंचन किया गया।

मुख्य सचिव महोदय द्वारा नगरीय निकाय निदेशालय में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों द्वारा प्रदेश के सभी 75 जिलों में किए गए मॉक सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी जारी की

मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव नगर विकास ने किया सम्मानित

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात और सचिव श्री रंजन कुमार द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षुओं को सम्मानित भी किया गया। आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर श्री देवकीनन्दन, सुश्री शीलू अवस्थी व मो. अनवर को बेस्ट ट्रेनीज अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं, मॉक सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए श्री अभिनव श्रीवास्तव, श्री दिनेश कुमार, श्री संदीप सारस्वत, सुश्री आरती साहू, सुश्री प्रियंका और श्री सौरभ नाथ को बेस्ट परफोर्मर अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम के दौरान सचिव नगर विकास श्री रंजन कुमार, अपर निदेशक स्वच्छ भारत मिशन नगरीय श्रीमती ऋतु सुहास, उप निदेशक (प्रशासन) श्रीमती रश्मि सिंह, मुख्य अभियंता नगरीय निकाय निदेशालय श्री राजवीर सिंह, सहायक निदेशक (आर) श्रीमती रश्मी सिंह, सहायक निदेशक (एस) श्रीमती सविता शुक्ला, अपर निदेशक (पशु चिकित्सक) डॉ. असलम अंसारी, सहायक निदेशक (लेखा) श्री अखिल सिंह, उप निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. सुनील कुमार सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

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