Biz & Expo

क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा प्रतिबंध,रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने देश की वित्तीय संप्रभुता के लिए बताया खतरा

क्रिप्टो (Crypto) पर प्रतिबंध लगाने की जोरदार वकालत करते हुए रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने सोमवार को कहा कि क्रिप्टो पोंजी योजनाओं से भी बदतर हैं और देश की वित्तीय संप्रभुता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो-प्रौद्योगिकी सरकारी नियंत्रण से बचने की फिलॉसफी पर आधारित है, जिसे खास तौर पर विनियमित वित्तीय प्रणाली को दरकिनार करने के लिये विकसित किया गया है।

उन्होंने कहा कि क्रिप्टो मुद्रा प्रणाली, मौद्रिक प्राधिकरण, बैंकिंग प्रणाली और सामान्य रूप से सरकार की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने की क्षमता को बर्बाद कर सकती है। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के 17वें वार्षिक बैंकिंग प्रौद्योगिकी सम्मेलन और पुरस्कार कार्यक्रम में मुख्य भाषण देते हुए शंकर ने कहा, “इन सभी कारकों से यह निष्कर्ष निकलता है कि क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाना शायद भारत के लिए सबसे उचित विकल्प है।”

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने कहा, “हमने यह भी देखा है कि क्रिप्टो को मुद्रा, संपत्ति या कमोडिटी के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। इसका कोई अंतर्निहित नकदी प्रवाह नहीं है। इसका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है। यह पोंजी योजनाओं के समान हैं, और शायद इससे भी बदतर है। इसे औपचारिक वित्तीय प्रणाली से दूर रखने के लिए यह पर्याप्त कारण होने चाहिए।”

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि आरबीआई अगले वित्त वर्ष में एक ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगा। सरकार ने डिजिटल संपत्तियों (क्रिप्टो) पर कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा है। फिलहाल, रिजर्व बैंक भारत की अपनी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा लाने की दिशा में आगे बढ़ने की ओर काम कर रहा है।

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है। सीतारमण ने कहा, “RBI और मंत्रालय न केवल क्रिप्टो पर बल्कि हर चीज़ पर पूर्ण सामंजस्य के साथ कर रहा है। हम एक दूसरे के डोमेन का सम्मान करते हैं और यह भी जानते हैं कि हमें एक दूसरे की प्राथमिकताओं के साथ राष्ट्र हित में क्या करना है।”

Related Articles

Back to top button
Event Services