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नेपाल में नए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने पोखरा में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का किया उद्घाटन

नेपाल में नई सरकार बनते ही एक बार फिर चीन की तरफ झुकाव बढ़ने लगा है। नेपाल के नए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने चीन की मदद से बने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (PRIA) का उद्घाटन किया है। पोखरा पश्चिमी नेपाल का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। उद्घाटन के मौके पर उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल के साथ अन्य कई शीर्ष नेता मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक फरवरी के दूसरे सप्ताह से यहां से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू हो सकती है। चीन के मुताबिक यह एयरपोर्ट नेपाल-चीन बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है। हालांकि नेपाल  इस बात से इनकाकर भी कर रहा है। अब नेपाल चीन से और भी मदद के लिए हाथ फैलाने लगा है। नेपाल चाहता है कि रेलवे प्रोजेक्ट में भी चीन उसकी मदद करे। 

आपको बताते चलें कि पुष्प कमल दहल प्रचंड सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के नेता हैं। चीन की कम्युनिस्ट सरकार के प्रति उनका झुकाव हमेशा से ही रहा है। उनकी सरकार बनते ही वह एक बार फिर चीन के सामने हाथ फैलाने लगे हैं। पुष्प कमल दहल प्रचंड लोकतांत्रिक नेपाल के पहले प्रधानमंत्री माने जाते हैं। वह तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। चीन से नजदीकी और भारत की मौजूदा राजनीति से विचारधारा का आंतर इस सरकार में साफ देखने को मिल सकता है। 

मार्च 2016 में ही नेपाल और चीन के बीच 215.96 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस मौके पर प्रचंड ने कहा कि लैंडलॉक नेपाल में एयर कनेक्टिविटी बहुत मायने रखती है। पोखरा में देश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन गया है। इसके साथ ही पोखरा अब दूसरे देशों के साथ और मजबूती से जुड़ गया है। 

प्रचंड ने चीन से मांगी और मदद
प्रधानमंत्री प्रचंड ने चीनी सरकार से कहा है कि चीन की सीमा क्रॉस करने वाले रेलवे प्रोजेक्ट को पूरा करने में भी उन्हें चीनी मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा, मैं गंडकी प्रांत से जीतने के बाद प्रधानमंत्री बना हूं। वहीं एयरपोर्ट के उद्घाटन पर चीनी दूतावास की तरफ से भी नेपाल की सरकार को बधाई दी गई। एक बयान में कहा गया कि यह एयरपोर्ट चीन के स्टैंडर्ड औऱ हाई क्वालिटी इंजिनियरिंग का नमूना है। यह नेपाल के राष्ट्रीय गौरव की निशानी बनेगा। चीनी राजदूत ने कहा, पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा चीन और नेपाल दोनों के नेताओं के लिए अहम है। यह नया प्रोजेक्ट चीन और नेपाल के साथ मिलकर काम करने का एक नमूना है। 

राजदूत ने कहा कि आने वाले सालों में चीन से आने वाले  पर्यटनों की संख्या में इजाफा होगा। बता दें कि केपी ओली की भी सरकार में चीन से कम नजदीकियां नहीं थीं। चीनी राजदूत ने कहा कि नेपाल के दो नेतृत्व में अच्छे परिणाम हासिल हुए हैं। चीन की तरफ से कहा या कि नेपाल तक पहुंचने वाली चीन की बॉर्डर रेलवे भी काफी मदद करेगी। इसी बीच नेपाल के गंडकी प्रांत के मुख्यमंत्री कृष्ण चंद्र पोखरेल ने चीनी सरकार से रिक्वेस्ट की है कि पोखरा एयरपोर्ट बनाने में जो मदद की गई है उसे कर्ज के बजाए ग्रा्ंट में बदल दिया जाए 

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