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गणेश जयंती पर जरुर करें ये उपाय,पूरी होगीं सभी मनोकामनाएं

4 फरवरी को गणेश जयंती है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा-उपासना की जाती है। सनातन धर्म में गणेश जी की सर्वप्रथम पूजा करने का विधान है। किदवंती है कि दैविक काल में एक बार श्रेष्ठता को लेकर देवताओं के विचारों में मतभेद हो गया। उस समय नारद जी ने तर्क प्रस्तुत किया कि क्यों नहीं! इसका उत्तर देवों के देव महादेव से जानने की कोशिश की जाए। यह सुन सभी देवी-देवता भगवान महादेव के पास पहुचें। भगवान शिव ने सभी की बात ध्यान से सुनकर कहा-आप सभी अपने वाहनों पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा कर आएं।

यह सुन सभी देवता अपने वाहन पर सवार होकर परिक्रमा के लिए चल पड़े। इस प्रतियोगिता में भगवान गणेश भी शामिल थे, लेकिन उन्होंने ब्रह्मांड की परिक्रमा नहीं की। इसके बदले में उन्होंने केवल माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा कर हाथ जोड़कर आदिशक्ति और देवों के देव महादेव को प्रणाम किया। उस समय महादेव ने भगवान गणेश को विजेता घोषित कर दिया। अतः गणेश जी की सर्वप्रथम की जाती है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर आप भी भगवान श्री गणेश की कृपा पाना चाहते हैं, तो गणेश जयंती के दिन ये उपाय जरूर करें-

-गणेश जयंती की तिथि को हाथी को हरा चारा खिलाएं। साथ ही गणेश जी की सवारी मूषक को भी भोजन दें। इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं।

-गणेश जयंती के दिन दान करने का विधान है। इस दिन गरीबों और जरुरतमंदों को वस्त्र, भोजन, अनाज आदि दान करें।

-गणेश जयंती के दिन पूजा के दौरान घर में गणेश यंत्र स्थापित करें। इससे घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।

– गणेश जयंती के दिन गुड़ के लड्डू बनाकर दूर्वा के साथ भोग लगाएं। इससे भी भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।

-गणेश जयंती के दिन गणेश चालीसा, कवच और स्तुति का पाठ करें।

-भगवान गणेश जी की कृपा पाने के लिए रोजाना दूर्वा और मोदक भेंट करें। एक चीज ध्यान रखें कि दूर्वा हमेशा गणेश जी के मस्तक पर अर्पित करें। इससे गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

-धार्मिक मान्यता है कि महज अक्षत और दूर्वा से भी गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं। इसके लिए पूजा में अक्षत यानी चावल और दूर्वा (घास) जरूर शामिल करें।

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