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बिना ट्यूशन, खुद से पढ़ाई करके बनी शहर टॉपर:12वीं में 98.6% स्कोर करने वाली आयुषी बोली-पढ़ाई के घंटे नहीं, बस क्वालिटी जरूरी

शुक्रवार को CBSE बोर्ड के रिजल्ट जारी हो गए। लखनऊ के LPS साउथ सिटी की छात्रा आयुषी चौहान 98.6% मार्क्स के साथ शहर की टॉप स्कोरर बन कर उभरी हैं।

दैनिक भास्कर ने टॉपर छात्रा आयुषी से बातकर उनकी मेहनत और भविष्य की तैयारियों के बारें में जाना…

सवाल : 12वीं में 98.6% मार्क्स, कैसा लग रहा?
जवाब : बहुत अच्छा लग रहा हैं। इतने नंबर आएंगे यह उम्मीद नही थी पर अब आए हैं तो बहुत अच्छी फीलिंग हैं। थोड़ी मेहनत की थी अब यह रिजल्ट आया हैं। पेरेंट्स और टीचर्स के सपोर्ट से रिजल्ट आया हैं।

सवाल : 10th में कोविड के कारण बोर्ड एग्जाम नहीं हुए, प्रीबोर्ड के नंबर पर मार्किंग की गई। इस बार बोर्ड एग्जाम हुए, फिर यह रिजल्ट आया, आसान था या टफ?
जवाब : आसान तो नही था। अच्छे रिजल्ट के लिए मेहनत करनी पड़ती हैं।10th में भी मेहनत की थी और इस बार भी। बस लगातार पढ़ाई करने वालों को परेशानी नही होती। जो कंसिस्टेंसी के साथ पढ़ाई करते हैं रिजल्ट में बढ़िया परफॉर्म करते हैं।

रिजल्ट आने के बाद से घर मे जश्न जैसा हैं माहौल

सवाल : भविष्य में क्या करना चाहेंगी?
जवाब
 : अभी CUET की तैयारी कर रही हूं। पहले अच्छा कॉलेज मिल जाए फिर आगे चलकर सिविल सर्विस में जाना चाहूंगी।

सवाल : 98% से ज्यादा लाने के लिए आपने कितने घंटे की पढ़ाई की?
जवाब
 : मुझे लगता है कि नंबर मैटर नहीं करता बस क्वालिटी ऑफ स्टडी मैटर करता हैं। मैंने बहुत कैलकुलेट करके पढ़ाई नही की। सेल्फ स्टडी पर फोकस किया। जब पढ़ाई की तो मन से की और रिजल्ट अच्छा आया। सालभर हर दिन कुछ न कुछ पढ़ेंगे तो फिर बोर्ड एग्जाम के दौरान बहुत परेशान नही होना पड़ता।

सवाल : आपने कोई ट्यूशन लिया था या सिर्फ सेल्फ स्टडी किया? और कैलकुलेटिव होकर पढ़ाई करती तो क्या नंबर और ज्यादा आते?
जवाब
 : नही, मैंने ट्यूशन नही लिया। सेल्फ स्टडी के बेस पर भी पढ़ाई की हैं। सेल्फ स्टडी में बेहतर ढंग से पढ़ाई की हैं। जहां कुछ पूछना होता था स्कूल के टीचर मेरी मदद करते थे। रही बात कैलकुलेटिव होकर पढ़ाई करने की तो मुझे नही लगता कि उससे ज्यादा अच्छे नंबर आते। क्योंकि कितने घंटे बढ़ते हैं यह मायने नही रखता आप कितना समझ पा रहे हो यह जरूरी हैं।

सवाल : फाइनली यह बता दीजिए कि आपका रोल मॉडल कौन हैं?
जवाब
 : मेरे रोल मॉडल मेरे पापा हैं। उनसे बहुत कुछ सीखा हैं और उन्ही की प्रेरणा से आगे बढ़ती हूं।

पिता दिनेश सिंह चौहान से हुई बातचीत भी पढ़िए…

सवाल : वकील साहब, बेटी की कामयाबी पर क्या कहेंगे?
जवाब
 : बच्चों की कामयाबी से मां-बाप को बहुत अच्छा लगता हैं। माता – पिता हमेशा बच्चों की तरक्की चाहते हैं। बेटी ने बेजोड़ मेहनत की हैं और उसका फल सबके सामने हैं।

अब पढ़िए मां क्या कहती है…

सवाल : बच्चों की कामयाबी में मां का बहुत बड़ा योगदान होता हैं? आप क्या कहेंगी?
जवाब
 : बेटी, शुरू से ही पढ़ाई को लेकर सजग थी। बचपन से ही नियम बनाकर पढ़ाई करती थी। बिना लापरवाही के उसने हमेशा पढ़ाई की हैं, यही कारण हैं कि आज यह दिन आया हैं।

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