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41 साल बाद मिली जीतचौतरफा जश्‍न का माहौल VIDEO

टोक्‍यो ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम को पदक मिलने के बाद झारखंड में जबदस्‍त उत्‍साह है। लोगों का कहना है क‍ि टोक्यो में टीम को मिले पदक ने मॉस्को ओलंपिक की याद दिला दी। मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य सिल्वानस डुंगडुंग ने कहा क‍ि वह रात यादगार रही। पूरी रात हम लोग जश्न मनाते रहे। 1980 मॉस्को ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।

टीम के सदस्य सिल्वानस डुंगडुंग ने कहा टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक ने हमें मॉस्को की याद दिला दी। सिल्वानस ने कहा कि फाइनल में जीत के बाद हम सबों को लग रहा था क‍ि जैसे हमने दुनिया जीत ली है। सारे खिलाड़ी खुशी मना रहे थे। रात भर जश्‍न का दौर चला। सब एक दूसरे से मैच के अनुभव का साझा कर रहे। किसी को नींद नहीं आ रही थी। टीम का हिस्‍सा रहे लोगों के पांव जमीन पर नहीं थे।

मोबाइल का जमाना नहीं था। हम लोग इस जीत की खबर अपने परिवार के लोगों के साथ साझा करने को बेकरार थे। होली, दशहरा जैसा माहौल था। सब एक दूसरे को बधाई दे रहे थे। मुंह मीठा करा रहे थे। जीत के बाद भारत पहुंचने पर हमारी टीम का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। हम लोगों की आंखें भर आईं। जब हम लोग मास्को गए थे तब किसी ने यह सोचा नहीं था कि हम स्वर्ण पदक जीतकर लौटेंगे

लेकिन यह गौरव हासिल करने के बाद हम खिलाड़ियों को जो सम्मान भारत की धरती पर मिला वह आज भी हम लोग की यादों में जिंदा है। इस जीत के लगभग 41 साल बाद हम पदक का सूखा समाप्त करने में असफल रहे। यह जीत भी उतनी ही यादगार है जितनी मास्को ओलंपिक में स्वर्ण की जीत थी। टोक्यो ओलंपिक की यह जीत देश सहित झारखंड में हॉकी की लोकप्रियता में चार चांद लगाएगा।

ओलंपिक में 41 साल बाद भारतीय हॉकी टीम (पुरुष) द्वारा पदक जीतने पर देशभर में खुशी का माहौल है। झारखंड के सिमडेगा में हॉकी संघ व खिलाड़ियों ने ढोल-नगाड़ों के साथ खुशी का इजहार किया।

चौतरफा उल्‍लास, तिरंगा लेकर निकले लोग

टीम की जीत के बाद झारखंड के गांव से लेकर शहरों तक में जबदस्‍त उत्‍साह है। लोग पूरे उल्‍लास के साथ गाजे बाजे लेकर बाहर निकल गए हैं। हाथों में तिरंगा है। भारत माता की जय के नारे लग रहे हैं।

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