Uttar Pradesh

UP में इन तीन जिलों से भी हटा लॉकडाउन, अब सिर्फ 11 जिले बचे

लखनऊ: देश में कोरोना के मामले धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय किया है कि जिन जिलों में कोरोना के 600 से कम मामले होते जाएंगे, वहां से कोरोना लॉकडाउन खुद-ब-खुद खत्‍म हो जाएगा। हालांकि यहां पर शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लागू रहेगा।



उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले कहा था कि 600 से अधिक सक्रिय कोविड मामलों वाले 20 जिलों में मौजूदा कोविड-19 प्रतिबंधों को सख्ती से लागू किया जाएगा। जिसमें सहारनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, झांसी, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, जौनपुर, बागपत, मुरादाबाद, गाजीपुर और बिजनौर 20 जिले शामिल थे।

हालांकि प्रदेश में सोमवार को 6 अन्‍य जिलों में कोरोना के मामले कम होने के साथ ही उनसे लॉकडाउन हटाने का निर्णय किया गया था, जिसमें बिजनौर, मुरादाबाद, देवरिया, बागपत, प्रयागराज, सोनभद्र थे। यहां पर आज कुल एक्टिव केस 600 से नीचे आ गए थे।

ऐसे में आज जानकारी मिली हैं कि 3 अन्‍य जिलों भी कोरोना कर्फ्यू खत्‍म हो गया है, क्‍योंकि यहां भी मामलों में कमी देखने को मिली है। मंगलवार को जिन 3 जिलों में लॉकडाउन खत्‍म हुआ है, उनमें लखीमपुर, गाजीपुर और जौनपुर हैं।

हालांकि जिन जिलों से लॉकडाउन खत्‍म हो गया हैं, वहां पर वीकेंड और नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। अब कोरोना लॉकडाउन सिर्फ यूपी के 11 जिलों में ही रहेगा।

आदित्यनाथ ने कहा, “उन जिलों में लॉकडाउन जारी रहेगा, जहां 600 से अधिक सक्रिय COVID-19 मामले हैं। जब सक्रिय मामले 600 से कम आएंगे तो कर्फ्यू अपने आप समाप्त हो जाएगा।”

यूपी सरकार ने 22 मई को राज्यव्यापी लॉकडाउन का विस्तार करने का फैसला किया था। लॉकडाउन शुरू में 31 मई तक लगाया गया था। इसे उन जिलों तक बढ़ा दिया गया है, जो 600 से अधिक सक्रिय मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं।

मौजूदा प्रतिबंधों के अनुसार, टीकाकरण, औद्योगिक गतिविधि, आवश्यक सेवाओं और चिकित्सा आपात स्थिति से संबंधित काम को राज्य भर में चालू रहने की अनुमति दी गई है।

राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और बस स्टैंडों पर सभी COVID प्रोटोकॉल का पालन किया जाना है। यात्रियों की स्क्रीनिंग और एंटीजन टेस्ट को भी अनिवार्य कर दिया गया है। बयान में आगे कहा गया है कि यूपी रोडवेज की बसों को यात्रियों के बैठने की क्षमता के अनुसार राज्य के भीतर संचालित करने की अनुमति दी गई है।

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