UP के दस अस्पतालों में ऑक्सीजन की हुई भारी बर्बादी, IIT कानपुर ने तैयार की रिपोर्ट
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की जमकर बर्बादी हुई। दो लीटर प्रति मिनट के स्थान पर 20 लीटर प्रति मिनट खपत की गई। सबसे ज्यादा बर्बादी सूबे के दस अस्पतालों में हुई। प्रदेश सरकार के निर्देश पर आईआईटी कानपुर ने यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसके आधार पर भविष्य की योजना तैयार की जाएगी। इसे सरकार को सौंप दिया गया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल को रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। ऐसा माना जा रहा था कि ऑक्सीजन की उपलब्धता होते हुए भी इसकी अत्यधिक कमी कैसे हुई। ऐसे में यह पता लगाया गया कि कहीं इसकी बर्बादी बड़े स्तर पर तो नहीं हुई। रिपोर्ट में तथ्यों के आधार पर इसकी पुष्टि भी हुई।
यूं किया सर्वे
27 दिनों (03 से 29 मई) में अस्पतालों में जो खपत हुई उसका ब्यौरा जुटाया गया। इसके लिए 53 प्राइवेट व सरकारी हॉस्पिटल चुने गए। प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों को सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी गई। आईआईटी के स्तर से तैयार ऑक्सीजन ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद से सर्वे को अंजाम दिया गया। इस दौरान 1,32,702 मरीजों को शामिल किया गया।
10 लीटर प्रति मरीज से ज्यादा वाले हॉस्पिटल
रिपोर्ट में जीएमसी जालौन, जीएमसी बदायूं, प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ, एएसएमसी अयोध्या और एलएलआरएम मेरठ। इसके अलावा मथुरा, बरेली, गाजियाबाद, लखनऊ के पांच, नोएडा और अंबेडकरनगर के अस्पतालों पर ऑक्सीजन प्रबंधन के सवाल उठाए गए हैं।
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