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प्रत्येक राजस्व ग्राम में कम से कम 01 हजार पौधे अवश्य लगाए जांय

उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों व संविदा कर्मियों को निर्देश दिए हैं कि वह 22 जुलाई को प्रदेश में आयोजित वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगायें। निर्देश दिए हैं कि बड़े से बड़े एरिया को कवर करते हुए अधिक से अधिक वृक्षारोपण कराया जाए। जिन जनपदों द्वारा सबसे बड़े एरिया को कवर करते हुए वृक्षारोपण कराया जाएगा। ऐसे 03 जनपदों को उच्च स्तर से प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। प्रत्येक राजस्व ग्राम में कम से कम 1000 पौधे अवश्य लगाएं जाए, साथ ही इससे अधिक पौध लगाने का प्रयास किया जाए।
ज्ञातव्य है कि अभियान दिवस में प्रदेश के कुल लक्ष्य 35.00 करोड़ के सापेक्ष 30.00 करोड़ पौधरोपण किया जाना है, जो कि कुल लक्ष्य का 85.71 प्रतिशत है, जिसमें ग्राम्य विकास विभाग द्वारा कुल लक्ष्य 12.77 करोड़ के सापेक्ष 10.94 करोड़ (85.71 प्रतिशत) किया जाना है।
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा समस्त मुख्य विकास अधिकारियों को जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है अभियान दिवस में अपने कुल लक्ष्य का 85.71 प्रतिशत वृक्षारोपण अवश्य किया जाए।
12.77 करोड़ ग्राम्य विकास विभाग का लक्ष्य है, जिसके क्रम में जनपदों को लक्ष्य का आवंटन किया जा चुका है। यह लक्ष्य विभाग का न्यूनतम है यानी कि अगर इससे ज्यादा वृक्षारोपण भी होता है तो वह और अच्छा माना जायेगा। अपने लक्ष्यों से सबसे ज्यादा पूर्ति करने वाले उच्चतर 03 जनपदो को उच्चस्तर से सम्मानित किया जायेगा।
जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों जैसे-वकील, व्यवसायी, डाक्टर, इंजीनियर्स, विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, शिक्षकों, प्राइवेट कर्मचारियों आदि को वृक्षारोपण कार्यक्रम से जोड़ा जाए। नए मार्ग जो भी निर्मित कराएं गए हैं, यदि उन पर वृक्षारोपण नहीं कराया गया है, तो ऐसे मार्गों को चिन्हित करते हुए उन मार्गों पर वृक्षारोपण अवश्य कराया जाए। जहां बड़े सम्पर्क मार्ग उपलब्ध है, वहां मार्ग के दोनों किनारों पर निर्धारित दूरी तक थीम प्लांटेशन जैसे एक ही प्रकार के पौधे लगाए जाए जैसे एक कि०मी० तक केवल आम के पेड़, उसके बाद एक कि०मी० जामुन के वृक्ष उसके बाद एक कि०मी० अन्य प्रजाति आदि लगायें जांय। जहां सम्भव हो नक्षत्र वाटिका एवं नवग्रह बनाते हुए वृक्षारोपण कराया जाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण करते हुए ग्राम वन बनाया जाए। जहां भी सम्भव है, वहां एक से अधिक ग्राम वन बनाएं जाए। ऐसे जनपद जहां पर खारे पानी की समस्या है, वहां ज्यादा से ज्यादा ऊसर के लिए उपयुक्त एवं सहनशील स्थलों का चयन करते हुए अनिवार्य रूप से वृक्षारोपण कराया। उसरीले क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु  उपयुक्त प्रजातियों का चयन करना है।
जारी निर्देशो में कहा गया है कि वृक्षारोपण का कार्य अमृत सरोवरों के किनारे, नदियों के किनारे (नदी तट वृक्षमाला महाअभियान के अन्तर्गत), सड़क/नहर किनारे, सार्वजनिक परिसरों यथा शवदाह गृह, खेल मैदान, आगंनबाड़ी केन्द्र, शासकीय विद्यालय, छात्रावास, ग्राम समाज भूमि, शासकीय सार्वजनिक भवनों की बाउन्ड्री, सामुदायिक तथा व्यक्तिगत भूमि, मिट्टी के कटान को रोकने हेतु इत्यादि जगहों पर कराया जाना है।
वृक्षारोपण अभियान हेतु व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाए तथा जन-मानस को इसका भागीदार बनाते हुए फोटोज तथा विडियो कैप्चर किये जाए, जिसकी डॉक्यूमेंट्री बनाते हुए मुख्यालय को उपलब्ध कराया जाए। निर्देश दिए गए हैं कि वृक्षारोपण कार्यक्रम में मनरेगा गाइडलाइन के तहत कार्यवाही करते हुए वृक्षारोपण के कार्य को सफलतापूर्वक आगे बढाया जाए।

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