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26 मई को लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए भारत पर इसका कितना पड़ेगा असर

वर्ष का प्रथम चंद्र ग्रहण मई के महीने में लगने जा रहा है। ये चंद्र ग्रहण 26 मई को लगेगा। विशेष बात ये है कि इसी दिन वैशाख पूर्णिमा भी पड़ रही है। आइए जानते हैं कि ये चंद्र ग्रहण कैसा होगा तथा किस वक़्त लगेगा। साथ ही जानते हैं कि ये ग्रहण कहां-कहां नजर आएगा  तथा भारत में इसका क्या प्रभाव होगा…

चंद्र ग्रहण का समय:- 26 मई को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर आरम्भ होगा तथा शाम 7 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा। इस ग्रहण का असर वृश्चिक राशि तथा अनुराधा नक्षत्र पर सबसे अधिक पड़ेगा।

कैसा होगा ग्रहण:- वर्ष का प्रथम चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। उपछाया होने के कारण इस ग्रहण के धार्मिक प्रभाव नहीं मान जाएंगे।

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण:- 26 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महासागर के कुछ इलाकों में पूर्ण रूप से नजर आएगा जबकि भारत में ये उपछाया के कारण नजर आएगा।

सूतक काल का वक़्त:- ये चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है। उपछाया ग्रहण में किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्यों पर पाबंदी नहीं होती है। इसलिए इस दिन सूतक काल नहीं माना जाएगा। ग्रहण काल के चलते भी मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे। इस दिन किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों पर रोक नहीं रहेगी।

क्या होता है उपछाया ग्रहण:- चंद्र ग्रहण के आरम्भ होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है। जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश बिना ही बाहर निकल आता है तो उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं। जब चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है तब पूर्ण चंद्रग्रहण लगता है। उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है। 

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