LDA में तोड़े गए अफसरों की अलमारियों के ताले, मिले माननीयों के सिफारिश पत्र और गायब फाइलें
लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) की तोड़ी गई अलमारियों से गायब फाइलें मिलने के साथ ही माननीयों द्वारा भूखंड देने के सिफारिश से भरे पत्र भी मिले हैं। सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. राम शरण दास द्वारा सचिव लविप्रा को लिखे पत्र में गौरव अवस्थी को 112 वर्ग मीटर का भूखंड देने की न सिर्फ सिफारिश की गई है। बल्कि छह मई 2005 को मुख्यंमत्री द्वारा आवश्यक कार्रवाई किए जाने का उल्लेख भी किया गया है। यह पत्र लविप्रा में 16 अगस्त 2005 को लविप्रा सचिव को भेजा गया था।
डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश को शिकायत मिली थी कि बर्खास्त बाबू जा चुके हैं, लेकिन अलमारियों की चाबी आज भी उनके पास है। इसको लेकर उन अलमारियों के ताले तोड़वाएं गए जो सालों से बंद थे। इनमें बर्खास्त बाबू काशीनाथ राम की आलमारी भी थी। मौके पर ही छह अलमारियों को सील कर दिया।अलमारी तोडऩे पर गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, कानपुर रोड, मानसरोवर योजना, अलीगंज, सहित कई फ्लैटों की फाइलें मिलीं। इसके अलावा कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। लविप्रा अफसरों ने इन सबकी वीडियोग्राफी कराकर अनुभाग अधिकारी रवीन्द्र नाथ तिवारी को सौंप दिया है।
उपाध्यक्ष के निर्देश पर बुधवार से सभी तल पर ऐसी अलमारियों के ताले तोड़े जाने की प्रकिया शुरू कर दी गई है, जिनका कस्टोडियन प्राधिकरण में कोई बाबू नहीं है। उधर नए सिरे से संबंधित बाबू को अपनी अलमारी में नाम, मोबाइल नंबर और योजना के नाम की पर्ची चस्पा करनी होगी। इसी क्रम में विशेष कार्याधिकारी राजीव कुमार और संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बुधवार को प्रथम तल पर आपस में जुड़ी लोहे की अलमारियों का ताला तोड़कर करीब छह सौ से अधिक फाइलें निकालवाईं, वहीं अफसरों ने जल्दबाजी में बाबू गिरीश शर्मा की अलमारी भी तोड़ दी। उस दौरान बाबू सीट पर नहीं था, लेकिन आते ही उसने बताया कि यह अलमारी उसकी है। उसके बाद अफसरों ने सूची चस्पा करने के निर्देश दिए।
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