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जानिए, क्यों जरूरी है कोविड-19 टीकाकरण और कब तक बनी रहेगी इम्युनिटी

कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए दुनियाभर में टीकाकरण अभियान तेजी पर है। भारत में 8.31 करोड़ से ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं। ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं कि ये टीके कितने समय तक कोरोना के खिलाफ प्रभावी रहेंगे। आइए जानते हैं कि कोविड-19 का टीका लेना कितना जरूरी है और इसके प्रभाव की अवधि को लेकर विज्ञानी क्या कहते हैं..

घातक वायरस से लड़ने में कितनी मददगार है वैक्सीन

वैक्सीन हमारे शरीर में कोविड-19 के खिलाफ इम्युनिटी के विकास में मदद करती है। यह हमारी रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ा देती है और शरीर में एंटी बॉडी विकसित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि कई वैक्सीन तो कोरोना वायरस के ब्रिटेन व दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी हैं।

अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने चार हजार स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले लोगों के टीकाकरण के बाद प्रभावों का अध्ययन किया। पाया गया कि फाइजर-बायोएनटेक व मॉडर्ना की वैक्सीन 80 फीसद तक प्रभावी रहीं, जबकि दूसरी खुराक के बाद उनका प्रभाव 90 फीसद हो जाता है। वहीं सीरम का कहना है कि कोविशील्ड वैक्सीन को अगर दो-तीन महीने के अंतराल में दिया जाए तो वह 90 फीसद तक प्रभावी साबित होती है। कोवैक्सीन को भी 90-59 फीसद असरदार माना जा रहा है।

कितना अहम है टीका लेना

कोविड-19 का खतरा बुजुर्गो के साथ-साथ युवाओं को भी है। इसलिए, सभी लोगों को कोविड वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए। हालांकि, कोरोना संक्रमण के ट्रेंड और वैक्सीन की उपलब्धता को देखते हुए फिलहाल 45 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण की इजाजत दी गई है। अध्ययनों में पाया गया है कि 45 साल से ज्याद उम्र के लोग कोरोना संक्रमण के प्रति अपेक्षाकृत ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि इस उम्र वर्ग के लोग कोरोना वैक्सीन जरूर लगवाएं।

बरतते रहें एहतियात

विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपने कोविड-19 वैक्सीन ले ली है तब भी मास्क पहनने, शारीरिक दूरी और साफ-सफाई आदि एहतियातों का ध्यान रखें। वैक्सीन कोरोना से लड़ने में मदद करती है, लेकिन उसका असर एक नियत अवधि के बाद होता है। ऐसे में संक्रमण के प्रति सतर्क रहना ज्यादा उपयोगी होता है।

कब तक रहता है असर

फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन के तीसरे दौर के परीक्षण में पाया गया था कि यह छह महीने तक लोगों को वायरस से बचा सकती है। कुछ वैक्सीन का असर छह महीने से सालभर तक माना जा रहा है।

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