
अभय जी आपका प्रयास सराहनीय है मगर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना और एक पक्ष बनना इस मुद्दे को अपने उद्देश्यों से भटका सकता है मोती झील सुंदरीकरण का प्रोजेक्ट कुछ चंद रुपयों का प्रोजेक्ट नहीं है उस नगर निगम की सामर्थ्य नहीं है जो अपने कर्मचारियों को तनख्वाह समय पर नहीं दे पा रहा इसमें सभासद स्तर पर कोई भी कार्यवाही अपेक्षित नहीं है हमारे सम्माननीय विधायक कैबिनेट में अपनी अच्छी पहुंच रखते हैं यह उनके बस की बात है मैंने कल भी कहा था आपकी आंदोलन में स्थानीय सांसद के वार्ड प्रतिनिधि व सत्तारूढ़ दल के सक्रिय सदस्य जुड़े हैं मात्र 100 स्क्वायर फीट की झील साफ कर देने से यह झील कब्जों से मुक्त नहीं होगी इसके लिए एक सुचारू प्रक्रिया में शासन में बैठे अधिकारियों से विधायक जी के माध्यम एक कार्य योजना बनानी होगी जिसको राज्य या केंद्र सरकार की मदद से क्रियान्वित कराना होगाl क्षेत्रीय पार्षद या विधायक की इतनी निधि नहीं है की वह इस कार्य योजना को अपनी निधि से करा सके अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है की पूर्ण झील का स्वामित्व एलडीए का है या सिंचाई विभाग का उपरोक्त तथ्यों पर विचार कीजिए तथा तदनुसार करवाई कीजिए
प्रजातांत्रिक व्यवस्था में अपनी बात को शासन सत्ता तक पहुंचाने के लिए जन आंदोलन आवश्यक है जिससे समाज में फैली हुई बुराइयों पर अंकुश लगाया जाता है मोती झील जमुना झील का संरक्षण एक जन आंदोलन है इसकी आवाज शासन तक पहुंच रही है निश्चय ही सफलता आपके चरण चूमेगी ढेर और विवेक की आवश्यकता है
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