Uttarakhand

CM धामी ने इन अधिकारियों के कंधों पर सौंपी सम्मेलन की जिम्मेदारी, बोले- अतिथि खुश, हमें तसल्ली

 हल्द्वानी। जी-20 जैसे अहम आयोजन की जिम्मेदारी। पूरे विश्व की नजर। प्रधानमंत्री कार्यालय से सीधी निगरानी। ऐसे में न चूक की गुंजाइश और न ही संशय की ही कोई बात। सवाल प्रतिष्ठा का जो ठहरा। सीएम की सोच का ठहरा और प्रधानमंत्री की उम्मीदों का ठहरा। ऐसे में जिम्मेदारी तय करना और आयोजन को अंजाम तक पहुंचाने वाले मजबूत कंधों की दरकार थी।

इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनुभवी मंडलायुक्त दीपक रावत, नैनीताल व ऊधम सिंह के जिलाधिकारी को चुना। लक्ष्य दिया और साधने का मंत्र भी बताया। कम समय में चुनौती बड़ी रही तो खुद सीएम निगरानी में भी जुट गए। देहरादून कार्यालय से सीधी नजर रखने के लिए विशेष वार रूम भी बनाया, जहां नियमित रूप से सुबह व शाम अधिकारियों से तैयारी का हाल लेते रहे।

आखिर में इस टीम ने वह कर दिखाया जो बड़े बड़ों को असंभव सा लगता रहा। सच में…जहां सभी ने सोचना बंद किया वहां से इन्होंने सम्मेलन की तैयारी की शुरुआत की। वह भी बिना थके और बिना रुके। ये तब तक डटे रहे जब तक सब योजना के अनुसार नहीं हो गया। टीम ने देश ही नहीं पूरे विश्व में उत्तराखंड खासकर कुमाऊं का मान बढ़ाया।

पूरी दुनिया को सनातनी सत्कार से भी रूबरू कराया। असल में सम्मेलन की मेजबानी के लिए कुमाऊं को मात्र 30 दिन ही मिले। इतने कम समय में वह सब करना था जिसके लिए सामान्यतया कम से कम दो से तीन साल लग जाते।

मसलन, अतिक्रमण के गंभीर विषय का समाधान, सड़कों का चौड़ीकरण, सुरक्षा का पुख्ता प्रबंधन, तारों के मकड़जाल से मुक्ति, वाल पेंटिंग, पंतनगर से ढिकुली (रामनगर) तक के रूट को नया रूप देना, अंडरपास और अवैध कट को बंद करने जैसी चुनौती कम नहीं थी। लेकिन एक-एक करके सभी का समाधान किया गया।

आयोजन को लेकर सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय प्रबंधन की रही, जिसे मुख्यमंत्री ने तत्काल दूर कर दिया। इस सब के बीच दैनिक प्रशासनिक काम की जिम्मेदारी भी कम नहीं थी। लेकिन अधिकारियों ने दैनिक के साथ ही जी-20 की तैयारी को भी अंजाम दिया। परिणाम आज सामने है। सुखद है। समृद्ध है और गौरवान्वित करने वाला भी।

मुख्यमंत्री के विजन, वीसी और विजिट से मिली ऊर्जा

मंडलायुक्त दीपक रावत बताते हैं कि इस काम में हम जितना सक्रिय रहे उससे कहीं अधिक मुख्यमंत्री दिखे। ऐसे में हमारी चुनौती बढ़ गई। सवाल साफ था कि जब मुख्यमंत्री दिन-रात आयोजन के बारे में सोच सकते हैं तो हम क्यों नहीं। इसी सोच ने पूरी टीम को उत्साहित किए रखा। हम दिन में अपने दैनिक काम निपटाते और फिर निकल जाते पंतनगर से लेकर ढिकुली तक। सभी को काम सौंपा गया। सभी की जिम्मेदारी तय की गई। आज जो भी दिख रहा है वह सामूहिक प्रयास है। इसमें ऊधम सिंह नगर से लेकर नैनीताल जिला प्रशासन तक ने शानदार काम किया।

प्रधानमंत्री ने जिम्मेदारी सौंपी, हमने कर दिखाया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को आयोजन की तैयारी को लेकर खुश दिखे। दमकता चेहरा बता रहा था कि सब योजना के अनुसार हुआ। उनकी सोच के अनुसार हुआ और सही हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जी-20 की मेजबानी के लिए हमपर जो विश्वास जताया, उसे हमने पूरा कर दिखाया। आज पूरा विश्व हमारी सनातनी सोच और सत्कार देख रहा है। अतिथि खुश हैं। हमें तसल्ली है कि हमने वह कर दिखाया जिसकी प्रधानमंत्री जी ने हमसे उम्मीद की थी। इसके लिए पूरी टीम को बधाई…।

नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल व ऊधम सिंह नगर के युगल किशोर पंत बताते हैं कि कम समय में हमने वह सब किया जो हमें करना चाहिए था। सवाल प्रदेश की प्रतिष्ठा का था। इसीलिए न समय का ध्यान रहा और न ही दिन और रात का। हमारे सामने बस लक्ष्य था और हमारे पास उसे साधने का मजबूत संकल्प।

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