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अमेरिका ने हानिकारक हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में उठाया बड़ा कदम

 अमेरिका में सरकार पर्यावरण सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए आने वाले 15 सालों में 85 प्रतिशत रेफ्रीजेरेटर और एयर कंडीशनरों को चलन से हटाएगी। इनके स्थान पर पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाले फ्रीज और एसी काम में लाए जाएंगे। मौजूदा समय में चल रहे फ्रीज और एसी से हाइड्रोकार्बन गैसें निकलती हैं, जो कार्बन डाई ऑक्साइड गैस की तुलना में वातावरण को हजारों गुना ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं और तापमान बढ़ाती हैं। 

दुनिया में सर्वाधिक एयर कंडीशनर और रेफ्रीजेरेटर का इस्तेमाल करने वाला देश है अमेरिका

बाइडन प्रशासन के इस प्रस्ताव से अमेरिका में बड़ी मात्रा में हाइड्रोकार्बन वातावरण में घुलने से बच जाएंगे। इन हाइड्रोकार्बन की मात्रा 90 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर होगी। अमेरिका के इस कदम से 15 साल में पर्यावरण को उतना नुकसान होने से बच जाएगा, जितना अरबों टन कोयला जलाने से होता। उल्लेखनीय है कि अमेरिका दुनिया में सर्वाधिक एयर कंडीशनर और रेफ्रीजेरेटर का इस्तेमाल करने वाला देश है। 

हाइड्रोकार्बन के उत्पादन और उसके आयात पर चरणबद्ध तरीके से रोक लगाएगा अमेरिका

अमेरिका की इन्वॉयरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) ने यह प्रस्ताव दिसंबर 2020 में अमेरिकी संसद में पारित एक प्रस्ताव से मिले अधिकार के बाद तैयार किया है। इसके जरिये वह अमेरिका में हाइड्रोकार्बन के उत्पादन और उसके आयात पर चरणबद्ध तरीके से रोक लगाएगी। ईपीए के प्रशासक माइकेल रेगन के अनुसार यह प्रस्ताव राष्ट्रपति जो बाइडन की पर्यावरण सुधार की व्यापक सोच को पूरा करने में मदद देगा। 

कई कंपनियों ने किया रेफ्रीजेरेटर में अमोनिया और प्रोपेन का इस्तेमाल शुरू

बाइडन ने 2030 तक अमेरिका के लिए हानिकारक गैसों का उत्सर्जन आधा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बाइडन ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था को 2050 तक कार्बन से मुक्त बनाने का भी वादा किया है। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण सुधार की दुनिया भर जोर पकड़ रही मुहिम के मद्देनजर कुछ कंपनियों ने रेफ्रीजेरेटर में अमोनिया और प्रोपेन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इन दोनों गैसों के इस्तेमाल से वातावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले तत्व निकलते हैं।

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