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हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए इन तरीकों से पाएं इनकम टैक्स पर छूट

हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए इन 6 तरीकों से पाएं इनकम टैक्स पर छूट आज के समय में जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान ही जरूरी नहीं है। इनके अलावा शिक्षा, पैसा और स्वास्थय भी उतने ही महत्वपूर्ण है। लेकिन न चाहते हुए भी हर एक व्यक्ति कभी न कभी स्वास्थ्य समस्याओं के घेरे में आ जाता है। फिर चाहे कारण सड़क पर घटी कोई दुर्घटना हो,अपने बुजुर्ग माता-पिता की बीमारी का इलाज या अपने परिवार में किसी नन्हे मेहमान का जन्म। हम किसी न किसी वजह से हॉस्पिटल तक पहुँच ही जाते हैं और महँगाई के इस दौर में हॉस्पिटल का खर्च उठाना हर एक आम आदमी के लिए मुश्किल होता है। जिससे राहत पाने का एक तरीका है हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी, जिसको लेने के बाद आप बहुत हद तक अस्पताल के भुगतान की चिंता से मुक्त हो जाते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस होने पर आप किसी भी अच्छे से अच्छे हॉस्पिटल में आसानी से अपना या अपने प्रियजन का इलाज करा सकते हैं। साथ इस तरह की पॉलिसी लेने पर आप इनकम टैक्स में छूट का लाभ भी उठा सकते हैं। अगर आपको अब तक इसकी जानकारी नहीं है तो आप इन 6 तरीकों से हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए इनकम टैक्स बचा सकते हैं।

नियमित स्वास्थ्य चेकअप

हेल्थ पॉलिसी होने पर आप रेग्युलर होने वाले हेल्थ चेकअप के खर्च के आधार पर, इनकम टैक्स में सालना 25,000 तक की छूट पा सकते हैं। सेक्शन 80D ऑफ़ इनकम टैक्स एक्ट,1961 के अनुसार साठ साल से कम उम्र पर यह राशि 25,000 है जबकि 60+ होने पर पॉलिसी होल्डर को इनकम टैक्स पर 30,000 तक का लाभ मिलता है। इसके अलावा आप हर साल 5,000 तक का प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप भी क्लेम कर सकते हैं।

माता-पिता के लिए पॉलिसी लेने पर

सेक्शन 80D इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अगर अपने माता-पिता के लिए ली गयी इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम जमा कर रहा है तो वह इनकम टैक्स पर प्रतिवर्ष 50,000 रूपये तक की छूट पा सकता है। दूसरे शब्दों में अगर आपके पेरेंट्स सीनियर सिटीज़न हैं तो आप उनकी पॉलिसी का प्रीमियम भर अपने इनकम टैक्स पर 50,000 रूपये तक बचा सकते हैं।

नगद भुगतान पर नहीं मिलता लाभ-

अगर आप अब तक इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान केवल कैश में कर रहे हैं तो आप इनकम टैक्स को बचाने का मौका गंवा रहा रहे हैं। प्रीमियम का भुगतान डिमांड ड्राफ्ट, चैक, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के द्वारा किए जाने पर आप इनकम टैक्स को सेव कर सकते हैं।

सेक्शन 80DDB का लाभ

हेल्थ इंश्योरंस पॉलिसी न केवल आपको गंभीर बीमारी के इलाज की सुविधा देती है बल्कि इसके द्वारा इनकम टैक्स में 60 वर्ष से कम आयु पर 40,000 और 60+ होने पर 60,000 से 80,000 तक छूट की सुविधा मिलती है। 11DD नियम के अंतर्गत कुछ विशेष बीमारियों को शामिल किया गया है। कैंसर, कार्डियक फेलियर या कार्डियक

अरेस्ट जैसे गंभीर रोग से ग्रसित होने पर आप इनकम टैक्स पर 40 से 80 हजार रूपये तक का लाभ उठा सकते हैं। इस लाभ को उठाने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय डॉक्टर का सर्टिफिकेट लगाना आवश्यक रहता है।

विकलांग सदस्य का इलाज

अगर परिवार का कोई सदस्य (माता -पिता, जीवनसाथी, संतान ) विकलांग हैं और पूर्ण रूप से आश्रित है तो सेक्शन 80U के अंतर्गत पॉलिसी होल्डर को इनकम टैक्स पर 75,000 रूपये तक की छूट मिलती है। यदि विकलांग व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाता है तो इनकम टैक्स पर छूट की राशि 1,25,000 तक हो सकती है।

कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरंस

अगर आपके और आपके परिवार के ऊपर होने वाले मेडिकल खर्चों का भुगतान ऑफिस या आपके मालिक द्वारा आपकी तनख्वाह से किया जाता है तो आप इनकम टैक्स पर प्रतिवर्ष 15,000 रूपये तक की छूट ले सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस (Reliance General Insurance) एक विश्वसनीय जगह है। यहाँ आप अपनी जरूरतानुसार इंश्योरेंस प्लान चुन सकते हैं। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस (Reliance General Insurance) आपको हेल्थ इन्फिनिटी इंश्योरेंस, हेल्थ गेन पॉलिसी, हॉस्पी केयर इंश्योरेंस, और सुपर टॉप-अप प्लान्स जैसे विकल्प प्रदान करता है। जिसमें आपको कैशलेस ट्रीटमेंट, नियमित हेल्थ चेकअप, डे केयर, प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवर जैसी अनेक सुविधाएँ मिलती हैं। यहाँ आप अपनी पुरानी पॉलिसी को बहुत आसानी से ऑनलाइन रिन्यू कर सकते हैं। RGI से प्लान लेने पर आप भारी डिस्काउंट और ऑफर्स का लाभ भी उठा सकते हैं।

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