Uttarakhand

हिमालयी क्षेत्रों में मौजूद झीलों से होने वाले रिसाव और जलस्तर की निगरानी करेगा वाडिया संस्थान

वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान आपदा का खतरा कम करने के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौजूद झीलों से होने वाले रिसाव और जलस्तर की निगरानी करेगा। इसके लिए फ्लोरोमीटर और वाटर लेवल रिकार्डर का इस्तेमाल किया जाएगा। वाडिया अब तक गंगोत्री ग्लेशियर, केदारनाथ, ढोकरियानी, दूनागिरी समेत लद्दाख के काराकोरम ग्लेशियर क्षेत्रों की झीलों की निगरानी कर रहा है।

अब अन्य झीलों की निगरानी की योजना है। इससे ग्लेशियर के टूटने, भूस्खलन से बनने वाली झीलों की मॉनिटरिंग और इनसे संभावित नुकसान का समय रहते पता चल सकेगा। वाडिया के वैज्ञानिक डा. समीर तिवारी ने बताया कि रियल टाइम डाटा से आपदाओं का अध्ययन करने व पूर्वानुमान लगाने में खासी मदद मिलेगी। उधर, वाडिया के निदेशक डॉ. कालाचंद साईं ने बताया कि ग्लेशियर से बनने वाली झीलों पर प्राथमिकता से नजर रखने की जरूरत महसूस की जा रही है। 

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