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सही तरह से पानी न पीना साबित हो सकता है घातक, जानें नुकसान…

पानी हमारे जीवन के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी चीज़ है। बिना पानी के हमारा शरीर और सभी अंगों के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा। पानी, खाना को पचाने, मेटाबॉलिज़्म और वज़न घटाने जैसे ज़रूरी काम करता है। गर्मी के मौसम में पसीना आने की वजह से शरीर को ज़्यादा पानी की ज़रूरत पड़ती है। वहीं, अगर पानी कम पिया जाए, तो इससे कब्ज़, कमज़ोरी आदि के साथ जान भी जा सकती है।

पानी न सिर्फ अंगों को नमी पहुंचाता है, बल्कि यह इलेक्ट्रोलाइट, ब्लड प्रेशर और तापमान को संतुलित रखता है, जोड़ों को चिकनाई देता है और सेल्स की सेहत को बढ़ावा देता है। इसलिए पानी की सही मात्रा शरीर में जाना बेहद ज़रूरी है और साथ ही ज़रूरत से ज़्यादा पानी न पीना भी ज़रूरी है।

एक्टर आलिया भट्ट कीं योगा ट्रेनर अंशुका परवानी ने इंस्टाग्राम के ज़रिए बताया कि पानी पीने के फायदे क्या हैं और सही तरीका क्या है। उन्होंने बताया कि अगर पानी खड़े होकर पिया जाता है, तो यह नुकसान पहुंचा सकता है और अपच और यहां तक कि अर्थराइटिस का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा खड़े होकर पानी पीने से सीने में जलन भी हो सकती है और तेज़ी से एक सांस में पानी पी जाने से फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने वीडियो में यह भी बताया कि पानी पीने का सही तरीका क्या है?

पानी पीने से जुड़े ज़रूरी टिप्स

पहले बैठें और फिर पिएं

जब भी प्यास लगे, तो हमेशा पहले आराम से बैठें और फिर पानी पिएं। खड़े होकर पानी पीने से शरीर में तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ता है, जिससे जोड़ों में फ्लूएड्स जमते हैं, और अर्थराइटिस और हड्डियों से जुड़ी दूसरी बीमारियों का कारण बनते हैं। बैठकर पानी पीने से मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम शांत रहता है और खाना सही तरीके से पचता है। आयुर्वेद के हिसाब से भी बैठकर पानी पीने से किडनी पर दबाव नहीं पड़ता और न ही उसके काम में रुकावट पैदा होती है।

पानी को तेज़ी से नहीं पीना चाहिए

एक सांस में तेज़ी से पानी नहीं पीना चाहिए। इससे न सिर्फ पानी आपकी सांस की नली में जा सकता है, जिससे तकलीफ पैदा हो सकती है, बल्कि अंगों को शॉक भी लग सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आराम से पानी के छोटे घूंट को धीरे-धीरे पीना सबसे अच्छा होता है। इससे आपको वज़न कम करने में भी मदद मिलेगी।

चिल्ड या ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए

गर्मी के मौसम में भी बर्फीला पानी पीने से बचना चाहिए। इससे पाचन की प्रक्रिया में दिक्कत आती है, साथ ही शरीर के सभी अंगों तक खून पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ठंडा पानी कब्ज़ का कारण भी बनता है और मेटाबॉलिज़्म को धीमा करता है। इसलिए एक्सपर्ट्स हमेशा सादा पानी पीने की सलाह देते हैं।

चांदी या फिर तांबे के गिलास से पानी पिएं

प्राचीन समय में लोग तांबे और चांदी के गिलास में पानी पीते थे, इसकी वजह यह थी कि इन धातुओं में रखा पानी शरीर के लिए आवश्यक खनिजों को संतुलित करने में मदद करता है। ये पानी को चार्ज करते हैं और उसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण जोड़ते हैं, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देते हैं। इसमें कैंसर रोधी गुण भी होते हैं।

प्यास लगने पर ही पानी पिएं

एक्सपर्ट्स के अनुसार, आपका शरीर हमेशा पानी पीने के संकेत भेजता है। हांलांकि, आपको पानी तभी पीना चाहिए, जब आपको प्यास लगे। आपका शरीर ज़रूरत से ज़्यादा पानी को अवशोषित नहीं कर सकता, इसलिए इसका ज़्यादा सेवन करना भी सही नहीं।

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