Uttar Pradesh

लखनऊ में नगर निगम कर्मचारियों ने की हड़ताल, मुख्‍यालय समेत जोनल कार्यालयों में काम ठप

मृतक कर्मचारी के आश्रित को नियमित नौकरी देने पर रोक लगाने से नाराज नगर निगम कर्मचारियों ने बुधवार को काम बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के चलते नगर निगम मुख्यालय समेत सभी जोनल कार्यालयों में कोई काम नहीं हुआ और काम कराने आए लोगों को बैरंग लौटना  पड़ा।

मंगलवार शाम को नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी से कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक में कोई सार्थक हल न निकलने के बाद ही कर्मचारियों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। नगर आयुक्त ने मृतक आश्रितों की भर्ती के लिए कमेटी बनाने का आश्वासन दिया था, जिससे कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी सहमत नहीं थे।

संचालक मंडल के शशि कुमार मिश्र का कहना था कि मृतक आश्रितों की नियुक्ति करने के लिए नगर निगम प्रशासन की तरफ से कमेटी बनाए जाने से कर्मचारी सहमत नहीं है और इससे आश्रितों को बेवजह परेशान होना पड़ेगा। उनका कहना था कि मृतक आश्रित नियमावली 1974 के क्रम में निर्गत सभी संशोधनों, समय-समय पर शासनादेशों एवं उच्च न्यायालयों के आदेश में मृतक आश्रित की नियुक्ति को लेकर कमेटी बनाने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन नगर निगम प्रशासन इन आदेशों की अनदेखी कर कमेटी का गठन करना चाहता है।

वर्तमान समय 50 मृतक कर्मचारियों के परिवार नौकरी के लिए भटक रहे हैं। अब संचालक मंडल के निर्णय पर कर्मचारी बुधवार को प्रदर्शन उपरांत ज्ञापन देंगे। प्रदर्शन में सुरेश चन्द्र धानुक, चन्द्र प्रकाश अग्निहोत्री,आनन्द वर्मा, राजेश सिंह, नरेश बाल्मीकि सुनील धानुक, कमल बाल्मीकि, बृजेश चौधरी, राम नरेन्द्र दीवान, जगदीश बाल्मीकि, अशोक बाल्मीकि, शैलेन्द्र तिवारी, राजेश कश्यप, राजेश भारती, राम कुमार रावत, अशोक गोयल,सैयद कैसर रजा, शमील एखलाक समेत अन्य थे।

नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि ‘सभी आदेशों का पालन कराया जा रहा है। मृतक आश्रितों को नियुक्ति के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है। इससे किसी तरह की गड़बड़ी को रोका जाएगा और अभिलेखों का परीक्षण हो सकेगा। बैठक सार्थक होने के बाद प्रदर्शन करना उचित नहीं है।

कर्मचारियों की ये है मांग

  • शासन और हाईकोर्ट के आदेशानुसार मृतक आश्रित कोटे में नियमित पद पर नौकरी दी जाए।
  • सभी संवर्ग के कर्मचारियों का काम करने का समय निर्धारित किया जाए।
  • स्मार्ट सिटी एप 311 को संचालित करने में हो रहे खर्च को अतिरिक्त भत्ता दिया जाए।
  • सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अंतर का भुगतान व समय पर वेतन दिया जाए।

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