Uttar Pradesh

र‍िश्‍वत लेते कैमरे में कैद अध‍िकारी पर सनसनीखेज खुलासा, स‍िपाही भर्ती में भी लगा था दाग,वीड‍ियो हुआ वायरल

गोरखपुर के प्रभारी संयुक्त निदेशक अभियोजन अशोक वर्मा तथा ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी रणविजय के गैंगस्टर की संस्तुति करने के लिए रिश्वत लेने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा है। पुलिस ने हत्यारोपित सपा नेता कपिलमुनि यादव और उसके सहयोगियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करने की तैयारी शुरु कर दी है।

संजय यादव की हत्या में सपा नेता कपिलमुनि यादव भी है आरोपित

अभियोजन अधिकारियों के रुपये लेने का वीडियो बनाने वाला दीपक यादव मीडिया के सामने आया। उसने बताया कि सपा नेता कपिलमुनि ने उसके भाई संजय यादव की हत्या करा दी। जिसका मुकदमा उसने दर्ज कराया है। आरोपित सुलह करने और बात न मानने पर हत्या करने की धमकी दे रहे थे। जिसकी शिकायत अधिकारियों से करने के साथ ही रामगढ़ताल थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।

कपिलमुनि पर कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं। जिलाधिकारी व एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर आरोपितों पर उसने गैंगस्टर की कार्रवाई करके अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त कराने को कहा था। अधिकारियों के निर्देश पर रामगढ़ताल पुलिस ने दो बार गैंगस्टर की कार्रवाई करने की रिपोर्ट भेजी लेकिन प्रभारी संयुक्त निदेशक अभियोजन अशोक वर्मा ने आरोपितों के प्रभाव में दो बार आपत्ति लगाकर फाइल लौटा दी।

डीएम ने सीओ से पूछा था क्यों हटाई सुरक्षा

छह जून को तत्कालीन जिलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने दीपक की शिकायत पर सीओ कैंट को पत्र लिखा पूछा था कि मुकदमा वादी की जान को खतरा है, इसके बाद भी सुरक्षा क्यों हटा ली गई।आरोपितों पर गैंगस्टर की कार्रवाई क्यों नहीं हुई इस बारे में दो दिन के भीतर बताए।जिसका जवाब देते हुए पुलिस ने जेडी कार्यालय से फाइल लौटाने की जानकारी दी थी।

सिपाही की भर्ती के मामले में पकड़ी गई थी गड़बड़ी

बड़हलगंज क्षेत्र के रहने वाले युवक का चयन सिपाही के पद पर हुआ था। मुकदमा दर्ज होने की वजह से उसकी ट्रेनिंग रोक दी गई। इस मामले में प्रभारी संयुक्त निदेशक अभियोजन अशोक वर्मा ने सीधे पीएसी कमांडेंट को कानूनी राय भेज दी थी। जानकारी होने पर जिलाधिकारी ने आपत्ति जताने के साथ ही अशोक वर्मा से स्पष्टीकरण मांगा था।

जांच को गोरखपुर पहुंचे अयोध्या के अपर निदेशक अभियोजन

वीडियो में घूस लेते नजर आए अभियोजन विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों के मामले में विभागीय जांच शुरू हो गई। अयोध्या के अपर निदेशक अभियोजन जय प्रकाश पांडेय ने गोरखपुर पहुंचकर जांच की। माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही रिपोर्ट आ सकती है। रिपोर्ट के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी। ट्विटर उपयोगकर्ता अविरल सिंह के हैंडल से एक वीडियो पोस्ट की गई थी। वीडियो में अभियोजन विभाग के दो अधिकारी गैंगेस्टर के मामले में अपराधियों को बचाने के लिए घूस लेते नजर आ रहे हैं। वीडियो के बारे में जानकारी होने के बाद जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने एडीएम सिटी विनीत सिंह से वीडियो की सत्यता की जांच कराई थी। एडीएम सिटी की जांच में यह बात पुष्ट हुई कि वीडियो में घूस लेते नजर आ रहे अधिकारी प्रभारी संयुक्त निदेशक (जेडी) अशोक वर्मा एवं वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी रणविजय हैं।

डीएम ने व‍िभागीय कार्यवाही के ल‍िए ल‍िखा

जिलाधिकारी की ओर से आरोपित अधिकारियों के निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है। इसी क्रम में अयोध्या के अपर निदेशक अभियोजन गोरखपुर पहुंचे। इस मामले में संबंधित पक्षों से मिलकर उन्होंने जांच की है। अपर निदेशक ने जिलाधिकारी से भी मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मामले में कुछ लोगों से और पूछताछ हो सकती है, उसके बाद रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि उनकी ओर से शासन को लिखा जा चुका है। उसी क्रम में अपर निदेशक जांच करने आए थे। इस मामले में आरोपित प्रभारी संयुक्त निदेशक अभियोजन अशोक वर्मा ने वीडियो को फर्जी बताया था और साजिश का आरोप लगाया था।

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