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रक्षा सेनाओं में ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना पर लिया फैसला, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया आधिकारिक ऐलान

यदि आप भारतीय थल सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना में सरकारी नौकरी की इच्छा रखते हैं तो यह खबर आपके लिए है। तीनों रक्षा सेनाओं में अल्पकालीन सेवा कमीशन (SSC) के अंतर्गत परंपरागत 10-14 वर्ष की भर्ती के अतिरिक्त एक और कम अवधि की लेकिन अस्थायी भर्ती प्रक्रिया, ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ या ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर आधिकारिक घोषणा आज, 14 जून 2022 को कर दी गई है। केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की मंगलवार को होने वाली बैठक में इस स्कीम पर फैसला लिया गाय और इसके बाद, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी आधिकारिक घोषणा की गई।

‘अग्निपथ’ योजना के विवरण

  • चार साल के लिए युवाओं को भर्ती कराया जाएगा।
  • नौकरी से छोड़ते वक्त सेवा निधि पैकेज मिलेगा।
  • इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा।
  • अग्निपथ योजना रक्षा बलों का खर्च और उम्र घटाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
  • चार साल के बाद 80 प्रतिशत सैनिकों को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा।
  • आगे रोजगार के अवसर मुहैया कराने में सेना उनकी मदद करेगी।
  • प्रशिक्षित युवाओं के लिए नौकरियां आरक्षित करने में विभिन्न संगठनों को भी रुचि होगी।

बता दें कि इससे पहले तीनों सेनाओं के प्रमुखों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में अल्पकालिक भर्ती ‘अग्निपथ’ के बारे में जानकारी दो सप्ताह पहले दी गयी थी। सैन्य मामलों के विभाग द्वारा लागू की जाने वाली इस योजना के अंतर्गत थल सेना में सोल्जर रैंक पर, नौसेना में नौसैनिक या सेलर रैंक पर और वायु सेना में वायु सैनिक यानि एयरमैन रैंक पर चाक वर्ष के लिए भर्ती का प्रस्ताव है। निर्धारित चयन प्रक्रिया से चयनित इन उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के बाद ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।

क्यों पड़ी आवश्यकता?

माना जा रहा है कि रक्षा सेनाओं में अति-अल्पकालीन भर्ती की आवश्यकता कोरोना महामारी के चलते रूकी रही भर्ती प्रक्रियाओं और इस दौरान रिक्त हुए पदों पर शीघ्र भर्ती के उद्देश्य से किया जा रहा है। बात दें कि अकेले भारतीय थल सेना से हर वर्ष लगभग 60 हजार सेवानिवृत्तियां होतीं हैं। इन पदों पर पिछले दो वर्षों में सेना द्वारा कोई बड़ी भर्ती प्रक्रिया का आयोजन नहीं किया जा सकता है। थल सेना में वर्ष 2019-20 के दौरान 80 हजार से अधिक जवानों की भर्ती हुई थी।

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