Uttarakhand

यूजीसी ने जारी की नई गाइड लाइन, अब स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अब इंटर्नशिप अनिवार्य

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नई गाइड लाइन के अनुसार अब नई शिक्षा नीति में इंटर्नशिप को जरूरी किया गया है। यूजीसी की बैठक में नई रिसर्च इंटर्नशिप गाइड लाइंस को मंजूरी दी गई। नए नियमों के अनुसार चार वर्षों के अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए अब इंटर्नशिप अनिवार्य कर दी गई है।

क्षमता विकास प्रशिक्षण (स्किल लर्निंग) पर जोर देने के लिए यह फैसला लिया गया है। नई गाइड लाइन में इंटर्नशिप की अवधि और क्रेडिट्स को तय किया गया है। उत्तराखंड में कई राजकीय, निजी विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षा संस्थानों में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स संचालित किए जा रहे हैं, जहां इंटर्नशिप अनिवार्य होगी।

नई शिक्षा नीति में किसी भी विषय में दाखिला लेने और विषय को बीच में ही छोडऩे का प्राविधान है। छात्र-छात्राओं को अपने पाठ्यक्रम को बीच में छोडऩे और दोबारा वहीं से पढ़ाई जारी करने की सुविधा मिलेगी। सभी छात्रों के लिए इंटर्नशिप करना अनिवार्य होगा। जिसकी समय सीमा उस कोर्स की अवधि पर निर्भर करेगी जो छात्र पढऩा चाहेंगे। दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने इसकी पुष्टि की है।

दस हफ्ते की इंटर्नशिप होगी जरूरी

एक साल के बाद कोर्स छोडऩे पर छात्रों को सर्टिफिकेट मिलेगा, जिसके लिए 8-10 हफ्ते की इंटर्नशिप जरूरी होगी। इसके 10 क्रेडिट प्वाइंट्स भी मिलेंगे। दो साल बाद कोर्स छोडऩे पर डिप्लोमा मिलेगा। इसके लिए भी 8-10 हफ्ते की इंटर्नशिप जरूरी होगी। सातवें सेमेस्टर यानी चौथे साल में 10 हफ्ते की इंटर्नशिप जरूरी होगी और 10 क्रेडिट प्वाइंट्स मिलेंगे। वहीं, जो छात्र रिसर्च के साथ चार साल का कोर्स करेंगे उन्हें एक साल का रिसर्च और 30 क्रेडिट प्वाइंट्स मिलेंगे।

यह है आवेदन की सुविधा

छात्र-छात्राएं या तो खुद रिसर्च इंटर्नशिप के लिए आवेदन करेंगे या अपने संस्थान के फैकल्टी से इंटर्नशिप पाएंगे। इसके लिए यूजीसी ने एक आनलाइप पोर्टल तैयार किया है। जहां छात्र-छात्राएं रिसर्च इंटर्नशिप के लिए पंजीकरण करा सकेंगे।

यूजीसी की गाइड लाइन के अनुसार अब अंडर ग्रेजुएट के लिए इंटर्नशिप जरूरी होगी। नई शिक्षा नीति में इस बात पर जोर दिया गया है कि छात्र-छात्राएं पढ़ाई के साथ-साथ अपने विषय में प्रयोगात्मक तौर पर दक्ष बने। यह छात्रों को पढ़ाई के दौरान ही प्रोफेशनल के रूप में तैयार करने में मदद करेगा। यूजीसी का यह नियम छात्रों के भविष्य के लिए लाभकारी है।

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