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यूक्रेनी सेना ने पिछले कुछ दिनों में लगभग 800 से अधिक रूसी सैनिकों को मार गिराने का किया दावा

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। इस बीच, यूक्रेनी सेना बताया कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में लगभग 800 से अधिक रूसी सैनिकों को मार गिराया है। इनमें से ज्यादातर डोनेट्स्क क्षेत्र में लड़ाई के दौरान मारे गए हैं। नियमित रूप से सुबह लड़ाई की जानकारी देते हुए यूक्रेनी सेना ने गुरुवार को कहा कि बखमुत सेक्टर में रूसी सेना आक्रामक हमले कर रही थी। वहीं, अवदीवका और कुपियांस्क क्षेत्रों में रूसी सेना के हमले असफल रहे हैं।

रूस ने अपने तीन टैंक खोए

यूक्रेनी सेना ने बताया कि पिछले दिनों लड़ाई में अपने सैनिकों के साथ रूसी सेना ने एक विमान, एक हेलीकॉप्टर और तीन टैंक भी खो दिए हैं। ये भी बताया कि रूसी हवाई, मिसाइल और रॉकेट हमलों के चलते यूक्रेन के कब्जे वाले शहर बखमुत और डोनेट्स्क क्षेत्र के कोस्टियानटीनिवका और कुराखोव शहर के नागरिकों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। वहीं, अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार बखमुत के आसपास लड़ाई का गंभीर आकलन किया और कहा कि क्षेत्र में जिस तरह के हालात हैं, उनको देखकर यही लगता है कि महीनों तक लड़ाई जारी रहेगी।

फ्रांस ने भेजा लड़ाकू वाहन

वहीं, शाम के वीडियो संबोधन में राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि बखमुत के बाहर यूक्रेनी सैनिक अपने विरोधियों को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं और रूस इस क्षेत्र में अपनी सेना को बढ़ा रहा है। बता दें कि इस युद्ध में यूक्रेन की मदद करने के लिए फ्रांस ने एएमएक्स -10 आरसी बख्तरबंद लड़ाकू वाहन भेजा है। इसी तरह, पश्चिम की तरफ से यूक्रेन का ये पहला बख्तरबंद वाहन है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया ने कीव को अपने 90 बुशमास्टर वाहन दिए हैं, जो बारूदी सुरंगों और अन्य खतरों के खिलाफ लड़ने में सक्षम है।

अमेरिका भी भेजेगा मदद

अमेरिका भी ब्रैडली फाइटिंग व्हीकल्स को यूक्रेन भेजने पर विचार कर रहा है, जो 1945 के बाद से यूरोप के सबसे बड़े भूमि संघर्ष से लड़ रहा है। इस वाहन में एक शक्तिशाली बंदूक है, जिससे लड़ने में आसानी महसूस होती है। बता दें कि 24 फरवरी से रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन के कई शहर तबाह हो गए हैं, लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा और हजारों मारे गए हैं। जेलेंस्की ने अपने सहयोगियों से अब्राम्स और जर्मन निर्मित लियोपार्ड टैंक जैसे भारी लड़ाकू वाहनों के लिए कहा है। इसके अलावा, मदद के लिए उन्होंने मैक्रों का धन्यवाद भी किया है। उन्होंने कहा कि अन्य सहयोगी भी इस कदम के बाद अपने हथियार भेजने के लिए तत्परता दिखायेंगे।

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