National

भारत ने इस्लामोफोबिया का राग अलाप रहे OIC को एक बार फिर लगाई कड़ी फटकार

India on Religiophobia and OIC at UN: भारत ने इस्लामोफोबिया (Islamophobia) का राग अलाप रहे ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (OIC) को एक बार फिर कड़ी फटकार लगाई है. संयुक्त राष्ट्र में OIC की आलोचना करते हुए भारत ने कहा कि वह हिंदुस्तान में तो कथित इस्लामोफोबिया की बात कर रहा है लेकिन दुनिया में हिंदू, सिख और बौद्ध धर्म के लोगों के साथ बढ़ रहे भेदभाव पर आंख मूंदकर बैठा है. ऐसी स्थिति दुनिया में धार्मिक भय (रिलीजनफोबिया) से निपटने में कारगर नहीं होगी. 

‘कुछ धर्मों तक सीमित कर देने से उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता’

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति (T S Tirumurti) ने सोमवार को महासभा में कहा, ‘यह सही समय है, जब संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश गैर-अब्राहम धर्मों (हिंदू, सिख, बौध, जैन) के खिलाफ भी घृणा की निंदा करें और रिलीजनफोबिया (Religiophobia) से मुकाबले के लिए खुद को सिलेक्टव होने से रोक दें.’ केवल कुछ धर्मों तक खुद को सीमित कर देने से यूएन का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता. 

‘रिलीजनफोबिया पर दोहरे मानदंड नहीं अपना सकते’

तिरुमूर्ति (T S Tirumurti) ने हेट स्पीच पर भारत का पक्ष रखते हुए दुनिया को आइना दिखाया. उन्होंने कहा, ‘अगर आप वास्तव में नफरत का मुकाबला करना चाहते हैं तो रिलीजनफोबिया (Religiophobia) पर दोहरे मानदंड नहीं अपना सकते. जहां तक भारत की बात है, हमने अपने संविधान के तहत सभी धर्मों के लिए सहिष्णुता और सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा दिया है. हमारी कानूनी प्रणाली ऐसे मामलों में सख्ती से निपटती है और कड़ी सजा देती है.’

‘हिंदू, सिख, बौद्ध धर्म पर अत्याचारों की बात हो’
 
तिरुमूर्ति (T S Tirumurti) ने कहा, ‘भारत ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि रिलीजनफोबिया (Religiophobia) का तब तक मुकाबला नहीं किया जा सकता, जब उसे केवल एक या दो धर्मों तक समेट कर रख दिया जाए और दुनिया में बौद्ध, हिंदू और सिख धर्मों के लोगों के साथ हो रहे अत्याचारों पर कोई बात न की जाए.’ तिरुमूर्ति ने कहा कि आतंकियों ने काबुल में गुरुद्वारे पर हमला कर 3 लोगों की जान ले ली लेकिन इसे रिलीजनफोबिया नहीं माना जाएगा क्योंकि यह यूएन की परिभाषा में नहीं आता. 

Related Articles

Back to top button
Event Services