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जानिए पीएफ पर ब्याज दर बढ़ेगी या नहीं? केंद्रीय श्रम मंत्री ने बताया कब होगा फैसला

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के शीर्ष निर्णय लेने वाली बॉडी सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) अगले महीने अपनी बैठक में कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) जमा पर 2021-22 के लिए दिए जाने वाले ब्याज दर को लेकर फैसला करेगा। 2021-22 के लिए ईपीएफ ब्याज दर के बारे में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) CBT की बैठक मार्च में गुवाहाटी में होगी, जहां 2021-22 के लिए ब्याज दर के प्रस्ताव को सूचीबद्ध किया जाएगा क्योंकि यह वित्तीय वर्ष का अंत है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या ईपीएफओ 2021-22 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दर बनाए रखेगा जैसा 2020-21 में किया था, भूपेंद्र यादव ने कहा कि आय अनुमान के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि भूपेंद्र यादव सीबीटी के प्रमुख भी हैं। सीबीटी ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर मार्च 2021 में तय की थी। इसके बाद अक्टूबर 2021 में वित्त मंत्रालय से इसे हरी झंडी मिली थी, जिसके बाद ईपीएफओ ने फील्ड कार्यालयों को 2020-21 के लिए लाभार्थियों के खाते में 8.5% पर ब्याज आय जमा करने के निर्देश जारी किए थे।

एक बार जब सीबीटी एक वित्तीय वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर तय कर लेता है, तो इसे वित्त मंत्रालय को सहमति के लिए भेजा जाता है। EPFO सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से इसकी पुष्टि करने के बाद ही ब्याज दर लाभार्थियों के खाते में भेजता है। मार्च 2020 में EPFO ​​ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 2018-19 की 8.65 प्रतिशत ब्याज दर के मुकाबले 2019-20 में घटाकर सात साल के निचले स्तर पर ला दिया था, जो 8.5 प्रतिशत थी।

EPFO ने लाभार्थियों को 2016-17 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में 8.55 फीसदी ब्याज दर मुहैया कराई थी। 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ी अधिक थी। इसने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में भी 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक था। 2011-12 में भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।

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