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खरमास के दिनों में जरूर करे इन खास मंत्रों का जाप, पूरी होगी हर मनोकामना

प्रत्येक वर्ष जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास आरम्भ हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार खरमास हमेशा मार्गशीर्ष एवं पौष मास के बीच आता है। इस माह में मुख्य तौर पर प्रभु श्री विष्णु, श्रीकृष्ण एवं सूर्यदेव की पूजा होती है। साथ ही दान, पुण्य आदि की भी खास अहमियत होती है। परम्परा है कि यदि खरमास के माह में कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाए तो मनुष्य की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं तथा इच्छित फल की प्राप्ति होती है।

प्रभु श्री विष्णु के चमत्कारी मंत्र:-
– ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
– ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्
– ॐ विष्णवे नम:
– ॐ दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्,
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया,
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।
– ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान, यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।

श्रीकृष्ण भगवान के मंत्र:-
–  कौण्डिन्येन पुरा प्रोक्तमिमं मंत्र पुन: पुन:
जपन्मासं नयेद् भक्त्या पुरुषोत्तममाप्नुयात्
ध्यायेन्नवघनश्यामं द्विभुजं मुरलीधरम्
लसत्पीतपटं रम्यं सराधं पुरुषोत्तम्
– गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्गो
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्
– ॐ नमो नारायण श्री मन नारायण नारायण हरि हरि
– श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
– ॐ कृं कृष्णाय नमः
– ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात्
–  ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा

 सूर्य देव के मंत्र:-
– ॐ घृणि सूर्याय नम:
– ॐ घृ‍णिं सूर्य: आदित्य:
– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
– ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
– ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
– ॐ सूर्याय नम:

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