केरल सरकार सबरीमाला मार्ग को दोबारा खोलने के लिए तैयार,जानिए किन प्रतिबंधों में दी गई छूट
कोरोना मामलों में कमी के मद्देनजर केरल सरकार ने सबरीमाला श्रद्धालुओं (Sabarimala pilgrimage) के लिए लागू प्रतिबंधों में राहत देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) और देवास्वम मंत्री के राधाकृष्णन (Devaswom Minister K Radhakrishnan) के बीच हुई मुलाकात के दौरान यह निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि सबरीमाला के पारंपरिक रुट को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाए जो पांपा (Pampa) से निलीमाला ( Neelimala), अपाचे मेडु (Apache medu) और माराकूट्टम (Marakoottam) से होकर श्रद्धालुओं के लिए जाता है। इस रास्ते पर प्राथमिक हेल्थ केयर सुविधाओं को भी उपलब्ध कराने की बात कही गई है। इसके अलावा सन्नीधनम (Sannidhanam) में भी श्रद्धालुओं के पूरी रात रुकने का इंतजाम किया जाएगा। इसके लिए 500 कमरे तैयार किए जाएंगे। पांपा नदी में नहाने और बलितर्पणम के सभी रस्मों की अदायगी की भी अनुमति होगी जो पूर्वजों के दिवंगत आत्माओं के लिए किया जाता है।
हालांकि यह फैसला जिला प्रशासन पर छोड़ा गया है जो नदी के जल स्तर को देखते हुए फैसला लेंगे। इससे पहले कोरोना गाइडलाइनों के साथ केरल स्थित सबरीमाला मंदिर को 15 नवंबर को खोल दिया गया था। 15 नवंबर से शुरू यह तीर्थ सत्र अगले साल 19 जनवरी तक चलेगा। यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस बार कोविड-19 के कारण सख्त नियमों के साथ प्रतिदिन केवल 1,000 श्रद्धालुओं को ही मंदिर में एंट्री की अनुमति दी गई है।
राज्य प्रशासन के अनुसार 9 दिसंबर से मंडला-मकरविलक्कू (मकर संक्रांति) उत्सव के अंत तक, सबरीमाला के पहाड़ी मंदिर में हर रोज 45,000 लोग दर्शन कर सकेंगे। सबरीमाला का भगवान अयप्पा मंदिर मंडला-मकरविलक्कू के लिए खुल गया है, जो दो महीने तक चलेगा। मंदिर में 26 दिसंबर तक मंडला पूजा होगी।
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