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कृषि मंत्री ने की मंडल व जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल विभागीय समीक्षा बैठक

प्रदेश के कृषि मंत्री द्वारा आज कृषि निदेशालय में मंडल व जिला स्तर के सभी विभागीय अधिकारियों के साथ सभी योजनाओं की वर्चुअल समीक्षा बैठक की गयी। इस दौरान उन्होंने 22 जुलाई को होने वाले वृहद वृक्षारोपण की तैयारी की समीक्षा भी की। इस वर्ष कृषि विभाग को 2.5 करोड़ से ज्यादा पौध रोपित करने हैं इसके लिए जनपदवार समीक्षा की गई एवं निर्देशित किया गया कि सभी जगहों पर समय से पौधरोपण की कार्यवाही पूर्ण कराया जाय। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थी ,सोलर सिंचाई पंप योजना के लाभार्थी इनको भी पौधरोपण के लिए पौध उपलब्ध करायी जाय। साथ ही सभी कर्मचारियों को भी 22 जुलाई को पौधरोपण के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की प्रत्येक कर्मचारी 2-2 पौधा स्वयं लगाएं तथा उसकी देखभाल भी करें जिससे कि वह पौधे सरवाइव करें।
इसके साथ ही विभागीय योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने प्राकृतिक खेती, श्री अन्न की खेती के बारे में बुंदेलखंड के जनपदों तथा अन्य सभी जनपदों में समय से किसानों को अनुदान की धनराशि देने की निर्देश दिए। कृषि यंत्रीकरण योजना में जो अवशेष लाभार्थियों का सत्यापन कार्य बचा है उसे प्रत्येक दशा में 24 जुलाई तक पूर्ण कर लिया जाए और अनुदान दे दिया जाए। उन्होंने कहा कि श्री अन्न के 43000 निःशुल्क मिनिकिट का वितरण इस वर्ष किया गया हैं। प्रदेश में सभी क्षेत्रीय कर्मचारी यह सुनिश्चित करें कि उसको किसान अपने खेतों में लगाएं तथा आगे भी उसका अनुसरण करें, जनपद में जिलाधिकारी के नेतृत्व में अभियान चला कर स्कूल के बच्चों को उस खेत पर ले जाएं उन्हें भी सावां, कोदो, रागी, मंडुआ, ज्वार एवं बाजरा की फसल को दिखाएं तथा उन्हें इन फसलों की पहचान कराएं। इसके लिए जनपद स्तर पर कार्यशाला आयोजित करें।
पराली प्रबंधन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अभी से जनपदों में इसके लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाएं, जिससे किसान भाई पराली को जलाए नहीं बल्कि अपने खेत में ही पलट कर अच्छी खाद तैयार कर लें। सभी उप निदेशक कृषि को निर्देशित किया कि आपके जनपद में जो भी धनराशि उपलब्ध है उसका समय से भुगतान किसानों को सुनिश्चित करें। यदि अतिरिक्त राशि की मांग हो तो योजनावार उसका डिटेल बनाकर मुख्यालय पर संबंधित अधिकारियों को प्रेषित कर दें। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी जी, कृषि सचिव डॉ राजशेखर जी, निदेशक कृषि श्री विवेक कुमार सिंह व सभी योजना अधिकारी उपस्थित थे, एनआईसी के माध्यम से सभी जनपदों के उपनिदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी एवं भूमि संरक्षण अधिकारी भी जुड़े रहे।

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