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 इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पहले इन बातों का रखे ध्यान, भविष्य में नहीं होगी कोई परेशानी

जैसे-जैसे आयकर रिटर्न दाखिल (ITR File) करने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है, टैक्सपेयर्स अपने डॉक्यूमेंट्स को अंतिम रूप देने जुट गए हैं। हालांकि बहुत से लोगों को उम्मीद है कि रिटर्न दाखिल (Income Tax Return Filing) करने की सीमा बढ़ा दी जाएगी, लेकिन हमारी सलाह है कि रिटर्न दाखिल करने के लिए अंतिम तारीख तक इंतजार न करें। यदि आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज हैं, तो अंतिम दिन तक इंतजार क्यों करना? रिटर्न दाखिल करना अब बहुत आसान हो गया है। यदि आपके पास सभी डॉक्यूमेंट्स हैं तो इस पूरी प्रक्रिया में 30 मिनट से अधिक समय नहीं लगता है। लेकिन रेतुर्न फाइल करने से पहले आपको कुछ चीजों को ध्यान में रखने की जरूरत है। ताकि आपको भविष्य में कोई परेशनी न हो।

सैलरी ब्रेकअप के लिए फॉर्म 16 या 16A प्राप्त करें

वेतनभोगी करदाताओं (Tax Payers) के लिए रिटर्न दाखिल करने से पहले अपने नियोक्ता से फॉर्म 16 या 16A प्राप्त करना पड़ता है। टैक्स डॉक्यूमेंट्स में कर दाता को अपने वेतन का विवरण देना होता है, जिसमें आय के विभिन्न स्रोतों का उल्लेख होता है। आपको मूल वेतन, एचआरए और अन्य भत्तों जैसे एलटीए और ड्रेस अलाउंस आदि का उल्लेख करना होगा। कई मामलों में, फॉर्म 16 में आपको वेतन का विस्तृत ब्रेकअप नहीं मिलेगा, बल्कि केवल कुल वेतन मेंशन होगा। करदाता को विभिन्न छूटों के लिए दावा की गई राशि को कुल वेतन से घटाते हुए अपना मूल वेतन घोषित करना होगा। जो राशि आप अंतिम वेतन के रूप में शो करते हैं, वह आय फॉर्म 16 या 16ए से मेल खाती है। रिटर्न दाखिल करते समय एचआरए जैसी कुछ छूटों का दावा किया जा सकता है, भले ही इसका उल्लेख फॉर्म 16 में न किया गया हो। अगर आपके टैक्स रिटर्न में घोषित आय, छूट और कटौतियां फॉर्म 16 से मेल खाती हैं, तो आपकी आईटीआर बिना किसी समस्या के प्रोसेस हो जाती है।

आपको टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा अगर…

  • आपकी सकल आय (कटौती और छूट से पहले) 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा से अधिक हो। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह 3 लाख रुपये और पुरानी कर व्यवस्था के तहत अति-वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 लाख रुपये है।
  • व्यवसाय में आपकी कुल बिक्री, कारोबार या सकल प्राप्तियां 60 लाख रुपए से अधिक हो गई हैं।
  • आपकी कुल सकल प्राप्ति 10 लाख रुपये से अधिक है।
  • आपने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से अधिक खर्च किए।
  • आपने बचत खाते में 50 लाख या चालू खाते में 1 करोड़ रुपये जमा किए।
  • आपका बिजली बिल 1 लाख रुपये से अधिक है।
  • आपके पास विदेशी संपत्ति है।
  • आपका टीडीएस या टीसीएस 25,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) या उससे अधिक था। आपको भुगतान किए गए टीडीएस या टीसीएस के रिफंड का दावा करना होगा।

फॉर्म 26AS में TDS, TCS का विवरण जांच लें

इस बात की जांच करें कि आपसे काटे गए सभी कर आपके खाते में जमा किए गए हैं या नहीं। फॉर्म 26AS में आपको सभी भुगतानों और TDS का विवरण होता है। इसमें जमा और बांड से मिले ब्याज और लाभांश पर टीडीएस भी शामिल है। इसमें स्रोत पर लगाए गए कर (TCS) का विवरण भी होगा। टीसीएस विदेश में पैसे के लेनदेन या विदेशी मुद्रा की खरीद पर लगाया जाता है। इस टीसीएस को आपके द्वारा जमा किए गए करों के बदले समायोजित किया जा सकता है। आप अपने फॉर्म 26 एएस को इनकम टैक्स पोर्टल या अपने नेट बैंकिंग अकाउंट के जरिए देख सकते हैं। टीडीएस और टीसीएस कटौतियों का सही उल्लेख है या नहीं, इसे जरूर चेक कर लें। यदि कोई टीडीएस या टीसीएस आपको जमा नहीं किया गया है, तो तुरंत कटौतीकर्ता से संपर्क करें। हो सकता है कि कटौतीकर्ता ने ही टीडीएस या टीसीएस जमा नहीं किया हो। यह भी हो सकता है कि टीडीएस जमा किया गया हो, लेकिन अभी तक दर्ज नहीं किया गया हो। यह गलत पैन या टीडीएस स्टेटमेंट में गलत राशि के कारण भी हो सकता है। फॉर्म 26AS में सुधार के लिए लगभग 7-10 दिन लगते हैं, इसलिए गलती पकड़ में आने पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

रिटर्न दाखिल करने से पहले इस बात की भी जांच करें कि टीडीएस और टीसीएस की डीटेल वार्षिक सूचना विवरण (Annual Income Certificate- ASI) के साथ मैच करती है या नहीं। एआईएस किसी व्यक्ति द्वारा किए गए सभी वित्तीय लेनदेन का एक व्यापक विवरण है। इसमें विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय (वेतन, पेशा, किराया, ब्याज, आदि सहित) का ब्यौरा होता है। इसे यह भी पता चलता है कि किसी व्यक्ति ने वर्ष के दौरान कहां, कितना निवेश और खर्च किया।

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