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अमेरिकी अधिकारियों ने कहा-सीरिया में अमेरिकी सैन्य बेस पर ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ….

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उनका मानना ​​है कि पिछले हफ्ते दक्षिणी सीरिया में सैन्य चौकियों पर ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ था, जहां अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को अमेरिका का मानना ​​​​है कि ईरान ने हमले को बढ़ावा दिया और इसे प्रोत्साहित किया, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि यह ड्रोन ईरान से लॉन्च नहीं किए गए थे। वे ईरानी ड्रोन थेऔर ईरान ने उनके उपयोग की सुविधा प्रदान की।

अमेरिकी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर उन विवरणों पर चर्चा की जो अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना ​​​​है कि हमलों में विस्फोटक से लदे पांच ड्रोन शामिल थेऔर उन्होंने अल-तंफ गैरीसन के अमेरिकी बेस और उस तरफ जहां सीरियाई विपक्षी बल रहते हैं उन दोनों को निशाना बनाया। हालांकि, इस हमले में कोई घायल या किसी की मौत की सूचना नहीं हुई।

दक्षिणी सीरिया में एक अमेरिकी सैन्य चौकी को निशाना बनाकर आतंकवादियों ने ड्रोन और रॉकेट से हमले किए थे। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों के हमले में वहां तैनात कोई भी अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ। इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए सीरियाई बलों को गश्त पर प्रशिक्षित करने के लिए अमेरिका और गठबंधन सेना अल-तंफ की मदद मिली हुई है।

अल-कायदा पर अमेरिका का बड़ा वार, ड्रोन हमले में मारा गया सीरिया में छिपा टॉप कमांडर

अमेरिकी सैन्य बेस पर हमले के बाद अमेरिकी सेना ने इसका बदला भी लिया। अमेरिका की सेना ने उत्तर पश्चिम सीरिया में शुक्रवार को हवाई हमले में अलकायदा के एक शीर्ष आतंकवादी को मार गिराया गया। यूएस सेंट्रल कमान के प्रवक्ता सेना के मेजर जॉन रिग्सबी ने एक बयान में कहा कि ड्रोन हमले में अब्दुल हामिद अल मतार को मार गिराया गया। रिग्सबी ने कहा कि अल-मतार के मारे जाने से अलकायदा को ‘अगली साजिश रचने और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर किए जाने वाले वैश्विक हमलों को अंजाम देने’ में बाधा आएगी।

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