National

अगर आपको सांस की कोई बीमारी है तो दिवाली के अगले कुछ दिन रहें सतर्क और सावधान

अगर आपको सांस की कोई बीमारी है तो अगले दो दिन आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। अगले कुछ दिन आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। दिल्ली की हवा में प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने रखने वाली संस्था सफर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की हवा में दिवाली के दिन PM 2.5 का स्तर 298 माइक्रोग्राम प्रति क्यूब मीटर तक पहुंच सकता है। वहीं दिवाली के अगले दिन पांच नवम्बर को हवा में PM 2.5 का स्तर 377 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच सकता है। मानकों के तहत हवा में पीएम PM 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि अगर दिवाली पर दिल्ली में एक भी पटाखा न जलाया जाए तो भी आपको दिल्ली एनसीआर में काफी प्रदूषित हवा में सांस लेनी पड़ेगी।

मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के प्रोजेक्ट सफर के निदेशक डॉक्टर गुफरान बेग के मुताबिक अगले दो दिन दिल्ली और एनसीआर में हवा में प्रदूषण काफी ज्यादा रहेगा। दिल्ली की हवा में पराली जलाने के चलते होने वाले प्रदूषण का स्तर दिवाली के दिन 20 फीसदी से अधिक बढ़ सकता है। वहीं पांच और छह नवम्बर को हवा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का स्तर हवा में 40 फीसदी तक बढ़ सकता है। इसका प्रमुख कारण उत्तर पश्चिमी हवाएं हैं। ये हवाएं पराली जलाने से होने वाले धुएं को दिल्ली की ओर लाएंगी।

दिल्ली में अगले तीन दिन हवा काफी धीमी रहेगी। सफर की रिपोर्ट के मुताबिक मौसम को देखते हुए अगर दिल्ली में एक भी पटाखा न जलाया जाए तो भी अगले तीन दिनों में हवा में PM 2.5 का स्तर बेहद खराब स्थिति में ही रहेगा। इसका सबसे बड़ा कारण उत्तर पश्चिमी हवाएं हैं जो पराली के धुएं को दिल्ली एनसीआर तक ले आएंगी। सफर के मुताबिक चार और पांच नवम्बर को दिल्ली और एनसीआर में हवा में प्रदूषण का स्तर गंभीर या बेहद खतरनाक स्तर पर रहेगा। वहीं 6 नवम्बर से हवा में प्रदूषण के स्तर में कमी दर्ज की जाएगी।

इस समय रहें बेहद सावधान

सफर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का सबसे अधिक असर दिवाली की रात 1 बजे से सुबह 6 बजे और 5 नवम्बर को सुबह रहेगा। दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में 40 फीसदी तक की हिस्सेदारी पराली जलाने से होने वाले धुएं की होगी।

इन तीन कारणों से बढ़ेगा प्रदूषण

हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के तीन प्रमुख कारण होंगे। सबसे पहला कारण हवा की दिशा है वहीं दूसरा कारण हवा की रफ्तार बेहद कम होना है। इसके चलते हवा में प्रदूषण काफी देर तक बना रहता है। तीसरा सबसे बड़ा कारण पटाखों का जलाया जाना है। 2019 में पटाखे जलाए जाने से हवा में प्रदूषण का स्तर 50 फीसदी तक बढ़ा था।

क्यों है पीएम 2.5 खतरनाक

इंसान के बालों का मोटाई लगभग 50 से 70 माइक्रॉन होती है

समुद्र किनारे मिलने वाली रेत की मोटाई करीब 90 माइक्रॉन

प्रदूषण में मौजूद पीएम 2.5 के कणों की मोटाई 2.5 माइक्रॉन होती है, इनमें धुएं से निकलने वाले पार्टिकल, ऑर्गेनिक कंपाउंड और धातुओं के टुकड़े होते हैं।

पीएम 10 कणों की मोटाई करीब 10 माइक्रॉन होती है। इसमें प्रमुख रूप से धूल और कुछ प्रदूषक तत्व होते हैं।

किसी भी प्रकार के कवरेज के लिए संपर्क AdeventMedia: 9336666601

अन्य खबरों के लिए हमसे फेसबुक पर जुड़ें।

आप हमें ट्विटर पर फ़ॉलो कर सकते हैं.

हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Related Articles

Back to top button
Event Services