कश्मीर घाटी में इन जगहों की जरुर करें सैर….
कश्मीर को धरती का स्वर्ग यूं ही नहीं कहा जाता। सुकून से समय बिताने के लिए फूलों से आबाद ख़ूबसूरत कश्मीर घाटी एक उत्कृष्ट जगह है। फिर चाहे कोहरे से ढंकी डल झील की लहरों पर शिकारे में आराम फ़रमाना हो या गुलमर्ग के नीले आसमान के नीचे मौज-मस्ती। यहां आकर हर कोई तनाव से कोसों दूर चला जाता है और इन हसीन वादियों में खोकर खुद को दुनिया का सबसे खुशकिस्मत इंसान मानता है।
फूलों की घाटी में रखें क़दम
गुलमर्ग का शाब्दिक अर्थ है फूलों का मैदान। वसंत में आपको इस शब्द की सच्चाई महसूस हो जाती है। अनगिनत रंग-बिरंगे डेज़ी (गुले बहार), ब्लूबेल्स, फ़ॉर्गेट-मी-नॉट्स के फूलों से गुलज़ार इस घाटी का सौंदर्य देखते ही बनता है। गुलमर्ग की बेपनाह ख़ूबसूरती और श्रीनगर से नज़दीकी इसे पर्यटकों के पसंदीदा सैरगाह में जगह दिलाती है। राजधानी श्रीनगर से यहां एक दिन में ही जाकर आया जा सकता है।
घने जंगलों के बीच से निकलने वाली पगडंडियों पर चहलक़दमी करें या घोड़े की सवारी का आनंद उठाएं। यहां आप कैम्पिंग के लिए भी जा सकती हैं। यहां आप सुबह चिड़ियों की चहचहाट और झरनों का कलकल सुनकर नींद से जागने का यादगार अनुभव पा सकती हैं। गुलमर्ग के रास्ते में व्यू पॉइंट नामक जगह पर ज़रूर रुकें, आप वहां से बर्फ़ से ढंकी पहाड़ियां और तेज़ रफ़्तार से भाग रहे झरने देख सकती हैं।
पहलगाम में हो जाएं तनावमुक्त
यदि आप तनाव को अलविदा कहने के लिए कश्मीर गई हैं तो पहलगाम में ठहरना अच्छा फ़ैसला साबित होगा। यह ख़ूबसूरत हिल स्टेशन लिद्दार नदी और शेषनाग झील के संगम पर बसा हुआ है। पहलगाम को चरवाहों की घाटी के नाम से भी जाना जाता है। यहां के स्वच्छंद वातावरण में दिमाग़ से सारी चिंताएं अपने आप छू मंतर होने लगती हैं।
चीड़ के ऊंचे-ऊंचे पेड़ों से घिरे घास के मैदानों में आराम फ़रमाएं, खच्चर पर बैठकर प्रकृति के नज़ारे देखें या स्थानीय गांवों को देखने जाएं। पहलगाम के स्थानीय बाज़ार में जाने के लिए समय ज़रूर निकालें। वहां से आप कश्मीरी हस्तकला के नमूने तथा पश्मीना शॉल ख़रीद सकती हैं।
सोनमर्ग में पाएं प्रकृति का साथ
हरे-भरे घास के मैदान, लंबे-ऊंचे पेड़ों की कतार, नयनाभिराम सिंधु नदी और बर्फ़ से आच्छादित पहाड़ की चोटियां… ये सोनमर्ग की कुछ ख़ासियतें हैं। यहां आपको अपार शांति मिलेगी। चारागाहों में चर रही गायों के गले में बंधी घंटियों की मधुर आवाज़ सुनकर आप माहौल में व्याप्त अद्वितीय शांति से बाहर निकलेंगी।
सोनमर्ग को देखकर ऐसा लगता है, जैसे किसी फ़िल्म की शूटिंग के लिए सेट तैयार किया गया हो। यहां के छोटे-छोटे गांवों की सुंदरता देखकर आप मंत्रमुग्ध-सी हो जाएंगी। यहां का एक और प्रमुख आकर्षण है, ऊंचे पेड़ों की पृष्ठभूमि में दिखने वाला ताजिवास ग्लेशियर। आप खच्चर की सवारी के माध्यम से उस ग्लेशियर तक पहुंच सकती हैं।
डल झील में करें मस्ती
यदि आपने शाम के समय शिकारे में बैठकर डल झील के अनुपम सौंदर्य का अनुभव नहीं लिया तो आपकी कश्मीर यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। नीले आसमान में टिमटिमा रहे सितारे, दूर दिख रहे पहाड़ों की चोटियां तथा पीर पंजाल पहाड़ पर गर्व से तनकर खड़े चीड़ के पेड़ों से मिलकर जो सम्मोहक दृश्य बनता है, वो आपके मस्तिष्क पर हमेशा-हमेशा के लिए अंकित हो जाता है। यदि आप श्रीनगर में एक से अधिक दिन के लिए ठहरी हैं तो डल झील में एक हाउसबोट किराए पर ज़रूर लें। सुबह हाउसबोट की बालकनी से बाहर पसरी हुई शांति और स्वच्छ पानी को देखकर दिन की शुरुआत करना उत्साहजनक रहेगा।
देखें ट्यूलिप के खेतों के नज़ारे
डल झील के मोहक दृश्यों को देखने के बाद श्रीनगर के मशहूर चश्मा शाही और शालिमार बॉटैनिकल गार्डन हो आएं। यहां हॉलैंड के मशहूर ट्यूलिप फ़ॉर्म की तर्ज पर ट्यूलिप के खेत दिखेंगे। आपकी नज़र जहां कहीं भी जाएगी, खिले हुए ट्यूलिप मुस्कुराकर आपका स्वागत करेंगे। एशिया महाद्वीप में अपनी तरह का यह अनूठा ट्यूलिप गार्डन श्रीनगर की शान है।
पाएं अध्यात्म का अनुभव
जैसे ही आप घाटी की सबसे मशहूर दरगाह हजरतबल के पावन परिसर में प्रवेश करेंगी, एक आध्यात्मिक शांति का अनुभव करेंगी। महिलाओं का प्रवेश केवल बाहरी इलाक़े तक ही सीमित है। यदि हिंदू धार्मिक स्थलों पर जाने का मन हो तो 11वीं शताब्दी में बने भव्य शंकराचार्य मंदिर हो आएं।
करें प्राचीन विरासतों की सैर
इस यात्रा के दौरान कश्मीर की प्राचीन विरासतों को देखने जाना न भूलें। ऐसी ही एक प्रमुख विरासत है परी महल के अवशेष। झील के किनारे, सुंदर बग़ीचे के बीच स्थित यह महल आपको पुराने दिनों में ले जाएगा और आपको मुग़लकालीन राजकुमारियों की ज़िंदगी का अंदाज़ा होगा।
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